कश्मीर राज्य – कश्मीर का नाम सुना ही होगा। पुरी दुनिया ने सुना है।
पाकिस्तान और भारत के झगड़े की वजह से कश्मीर को हर कोई जानता है। यह किसी जमाने में धरती का स्वर्ग कहलाता था।
लेकिन अब आतंकवादियों का गढ़ कहा जाता है। पाकिस्तान और भारत इसके लिए हमेशा झगड़ा करते रहते हैं। यहां रहने वाले अधिकतर मुस्लिम इसे अपनी जमीं कहते हैं और यह भारत का ऐसा राज्य है जहां हिंदु अल्पसंख्यक की तरह रहते हैं। लेकिन एक ऐसा समय भी था जब यहां केवल हिंदु बसते थे। आज हम कश्मीर राज्य के उसी इतिहास की बात करेंगे।
कश्यप ऋषि के नाम पर पड़ा कश्मीर राज्य
आप इस चीज का अंदाजा इसी से लगा सकते हैं कि कश्मीर राज्य का नाम ऋषि कश्मीर पर रखा गया है। वैसे तो कश्मीर के बनने के पीछे कई सारी कहानियां कही जाती हैं। लेकिन इसका उल्लेख पुराणों में किया गया है कि ऋषि कश्यप के नाम पर इस राज्य का नाम पड़ा था। इनके साथ ही भगवान शिव की पत्नी देवी सती का नाम भी पुराणों में लिया गया है। प्राचीनकाल में कश्मीर हिन्दू और बौद्ध संस्कृतियों का पालना था। यहां कभी केवल हिंदु और बौद्ध रहते थे।
माना जाता है कि यह जगह बर्फ से ढकी हुई थी और भगवान शिव अपनी पत्नी देवी सती के साथ यहां रहा करते थे। यहां एक राक्षस नाग भी रहता था, जिसे वैदिक ऋषि कश्यप और देवी सती ने मिलकर हरा दिया। तब से इस जगह का नाम कश्मीर पड़ा। लेकिन पुराणों से इतर तर्कसंगत प्रसंग यह है कि इसका वास्तविक नाम कश्यपमर अथवा कछुओं की झील के आधार पर पड़ा।
मूल निवासी
अभी मुस्लिमों और हिंदुओं के बीच यहां काफी लड़ाईयां होती है। आधुनिक जमाने में हिंदु यहां अल्पसंख्यक हैं। लेकिन कभी ऐसा समय भी था जब यहां के मूल निवासी केवल हिंदू थे। इसलिए आज के कुछ रुढ़िवादी लोग इसी बात का तर्क देते हुए वहां के मुस्लिमों का विरोध करते हैं और यह मानने से इंकार करते हैं कि भारत ने कश्मीर पर कब्जा किया है।
5000 साल पुरानी है यहां कि संस्कृति
यहां के हिंदु मुस्लिमों की संस्कृति 5000 साल पुरानी है। 12वीं शताब्दी में कल्हण द्वारा लिखी गई राज तरंगिनी में इस राज्य का उल्लेख किया गया है। इस पुस्तक में ही बताया गया है कि यह हिंदुओं का राज्य था। यहां के कुछ हिस्सों पर कभी सम्राट अशोक का भी शासन रहा था। लेकिन यह उसी तरह से है जैसे कि देश के अन्य भाग पहले हिंदु थे और आर्य, मुगल व तुर्कों के आने के बाद दूसरे धर्मों के लोग यहां आए।
लेकिन इसी आधार पर आज के जमाने में यह कहना भी गलत है कि भारत ने कश्मीर राज्य में कब्जा किया है।
14वीं शताब्दी में आए तुर्की
कश्मीर राज्य में बदलाव का मौसम 14वीं शताब्दी में आया जहां यहां तुर्किस्तान से एक शासक आया था। तुर्क आतंकी मुस्लिम दुलुचा ने 60,000 लोगो की सेना के साथ
कश्मीर में आक्रमण किया और कश्मीर में मुस्लिम साम्राज्य की स्थापना की। दुलुचा ने नगरों और गांव को नष्ट कर दिया और हजारों हिन्दुओ का नरसंहार किया। कुछ हिन्दुओं को जबरदस्ती मुस्लिम भी बनाया। तब पहली बार इस राज्य में मुस्लिम बस्तियों की नींव पड़ी थी।
उसके बाद बहुत से राजा आए, मुगल आए, आर्य आए, हूण आए और अंग्रेज भी आए। लेकिन मुस्लिमों की संख्या यहां अधिक होने के कारण ये आज कश्मीर राज्य मु्सलिमों का राज्य बन गया है और यहां के मूल निवासी कश्मीरी पंडित अल्पसंख्यक हो गए।