नाच रही है अग्नि ताप छुपाये, अपने पूरे दामन में.
बिखेरे अपनी रंगों की बारिश, रौशनी के संग में
चंचल किरणें खेल रही है, हर घर के आँगन में
शशि का शीतल रूप लिए, आया प्रभाकर अम्बर में
शीत ऋतू में प्रेमी बनकर, प्रेम भरे हर मन में
कभी तेज से प्रेम जताय, कभी तेज में क्रोध छुपाये
जलधि की लहरें लपेटी, प्रभा को हर अंग अंग में
शशि का शीतल रूप लिए, आया प्रभाकर अम्बर में
ओस की बूंदें गिरी, लता मंजरी के कलेवर में
जिसे समेटने आया है रवि, वसुंधरा के वन में
आस संग कुसुम रंग ले चली, रश्मि नील गगन में.
शशि का शीतल रूप लिए, आया प्रभाकर अम्बर में
अचला के आँचल से लेकर रंग, पहुंचे है व्योम में
प्रभा से लिपटा उन रंगों को फैला रहा चमन में
कैसा प्रेम रवि का, ताप दिखाकर स्नेह भरे हर मन में
शशि का शीतल रूप लिए, आया प्रभाकर अम्बर में
प्रभा – किरण,
मंजरी- फूल,
कलेवर- शरीर,
अचला – धरती,
व्योम- आकाश,
इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) दुनिया में सबसे लोकप्रिय टी20 क्रिकेट लीग में से एक है,…
दुनिया मे सबसे ताकतवर चीज है हमारी सोच ! हम अपनी लाइफ में जैसा सोचते…
सूर्य ग्रहण 2020- सूर्य ग्रहण कब है, सूर्य ग्रहण कब लगेगा, आज सूर्य ग्रहण कितने…
कोरोना महामारी के कारण देश के देश बर्बाद हो रही हैं, इंडस्ट्रीज ठप पड़ी हुई…
दुनियाभर के 200 देश आज कोरोना संकट से जूंझ रहे हैं, इस बिमारी का असर…
वैसे तो गांधी परिवार पूरे विश्व मे प्रसिद्ध है और उस परिवार के हर सदस्य…