मेरा भाई हमेशा दाढ़ी के लिए डांट खाता है।
एक तो वह दाढ़ी नहीं बनवाता है और मम्मी-पापा के बोलने से ही दाढ़ी बनवाता है। लेकिन ऐसा कभी नहीं हुआ कि वह दाढ़ी बनवाकर आया हो और मम्मी-पापा खुश हुए हों। हां, इतना जरूर बोलते हैं कि इंसान बनकर आ गया है।
अधिकतर बड़े हो रहे लड़कों के मां-बाप को अपने बच्चे को दाढ़ी बनवाने के लिए टोकना पड़ता है। अगर ऐसा है तो एक बार यह सच्ची घटना भी पढ़िए। क्योंकि इसे पढ़कर आपको भी एक पल के लिए रोना आ जाएगा।
ये कहानी है Shovan Chowdhury की जो quora यूज़र है। इसने हाल में अपना एक सीक्रेट इस वेबसाइट पर शेयर किया था क्योंकि वह पिछले कुछ दिनों से अपने मां-पापा से एक बात छिपा रहा था। (हम में से कई लोग अपने मां-बाप से सीक्रेट छुपाते हैं जो कई बार हमें गिल्टी फील करा देते हैं। ऐसा ही Shovan के साथ हुए और उसने इस फील से बचने के लिए इस वेबसाइट पर अपना सीक्रेट शेयर किया)।
दाढ़ी के लिए –
Shovan ने लिखा,
‘मेरी मां हमेशा मुझसे ये पूछती रहती है कि तुम अपने भविष्य के लिए कोई बचत क्यों नहीं करते हो?’ मेरे पिताजी हमेशा मुझे पैसे बचाने की सलाह देते हुए कहते हैं कि हम मीडिल क्लास फैमिली से आते हैं और बचत हमारी भविष्य में आने वाली अनिश्चतिताओं और परेशानियों से बचने का एक तरीका है।
मैं पिछले एक साल से जॉब कर रहा हूं, लेकिन हमेशा मंथ के अंत में मेरी जेब खाली हो जाती थी। मैं सच में ही भविष्य के लिए कोई बचत नहीं कर रहा था। जिसके कारण मेरे मम्मी-पापा को लगता था कि मैं फालतू की चीज़ों में पैसा बर्बाद कर रहा हूं। लेकिन ना तो मैं सिगरेट पीता था और ना ही शराब को हाथ लगाता था। यहां तक की मैं कभी महंगे कपड़े भी नहीं खरीदता था। ऐसे में मेरे मां-पापा को लगता था कि मुझे कुछ गलत आदत है या मैं फालतू खर्च कर रहा हूं इसलिए बचत नहीं कर पा रहा हूं। इसलिए मेरे पास महीने के अंत में दाढ़ी बनवाने तक के पैसे नहीं बचते हैं।
लेकिन ऐसा नहीं है। दरअसल पिछले एक साल में मैंने अपने ऑफ़िशियल काम के कारण कई मलिन बस्तियों के दौरे किए। वहां के लोगों और बच्चों की हालत देखने के बाद मुझे आम लोगों पर गुस्सा आया और मैंने फन लोगों के लिए कुछ करने की ठानी।
करता हूं गरीबों की मदद
Shovan आगे लिखते हुए अपने मां-पापा को बताने की ख्वाहिश रखने की बात कहते हैं और लिखते हैं मैं वास्तव में अपनी पूरी सैलरी उन गरीब बच्चों के लिए पैसे खर्च करता हूं, जिन्हें वास्तव में मदद की ज़रूरत है। मैं आश्चर्य में पड़ गया जब मुझे यह मालूम हुआ कि मलिन बस्तियों में रहने वाले ये बच्चे स्कूल जाना चाहते हैं और वो तरह-तरह की पेंटिंग्स भी बनाते हैं। इनहीं बच्चों के एडमिशन और फीस के लिए मैं नियमित रूप से उन्हें पैसे भेजता हूं। इसके अलावा मैं उनके लिए स्टेशनरी आइटम्स जैसे किताबें, पेंसिल, कलर्स आदि खरीदता हूं। ऐसा करके मुझे बहुत खुशी मिलती है और आत्म संतुष्टि महसूस करता हूं।
मगर इस बारे में मेरे पेरेंट्स, रिश्तेदार या किसी भी दोस्त को कुछ नहीं मालूम है। अभी यह पोस्ट लिखने से पहले मुझे एक एक बच्चे की मां का कॉल आया जो मुझे रोते-रोते बता रही थी कि Shovan भाई मेरी बेटी सादिया अपनी क्लास में फ़र्स्ट आई है।
सादिया की मां अपनी बेटी की इस सफ़लता के बारे में रोते हुए मुझे बता रहीं थी, उनकी आवाज़ के बजाये मुझे उनका रोना ज्यादा सुनाई दे रहा था। लेकिन मैं यह बात सुनकर कुछ देर के लिए चुप हो गया। क्योंकि मुझे समझ नहीं आ रही था कि मैं अपनी खुशी कैसे जाहिर करूं। उसके बाद मैं चाय का कप लेकर अपनी बालकनी मैं बैठ गया।
इसके साथ ही Shovan लिखते हैं, ‘मम्मी-पापा, मुझे माफ़ कर दीजिये। मैं अपनी दाढ़ी बना नहीं पाता। लेकिन मैं ऐसा ज़िम्मेदार व्यक्ति नहीं बनना चाहता हूं, जो सिर्फ अपने भविष्य के लिए पैसे बचाए।’
दाढ़ी के लिए – Shovan की इस पोस्ट को पढ़ने के बाद तो हर ऐसे लड़के दाढ़ी के लिए हमें गर्व होना चाहिए। Shovan को उनकी अच्छी सोच के लिए बहुत सारी शुभकामनाएं। वे ऐसे ही अच्छा काम करते रहें।
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