छत्तीसगढ़ का रायपुर जिला, गाँव भगवानपुर.
भगवानपुर गाँव के लोगों ने सुबह सुबह गाँव के मैदान में ऐसा खौफनाक मंज़र देखा कि देखने वालों के दिल दहल गए.
गाँव के मैदान के बीचों बीच पड़ी थी एक किशोरावस्था के बच्चे की लाश. ये लाश कोई ऐसी वैसी लाश नहीं थी. किसी ने बड़ी बेदर्दी से इस बच्चे का सर काट कर फेंक दिया था.
मैदान में रखा था तो उस बदकिस्मत का धड़.
सरकटी लाश के पास पड़ी पड़ी थी कुछ शराब की बोतलें. लेकिन शराब की बोतलों से भी ज्यादा झटका गाँव वालों और पुलिसवालों को लाश के पास पड़ी पूजा सामग्री से लगा.
फूल, हल्दी, नारियल और पूजा का अन्य सामान सरकटी लाश के आसपास बिखरा हुआ था. पुलिसवालों के साथ लाश की शिनाख्त करने के लिए डॉग स्क्वाड और फोरेंसिक लैब वालों को भी बुलाया गया. लड़के की लाश के बारे में गांववालों से भी पूछताछ की गयी. पूछताछ और जांच से अब तक लड़के की शिनाख्त नहीं हो सकी है.
पुलिस का अनुमान है कि मृत लड़का शायद किसी आस पास के गाँव का रहने वाला हो. लाश के पास पूजा की सामग्री मिलने से ये भी लगता है कि शायद ये मामला पूजा पाठ के लिए नर बलि देने का भी हो.
जी हाँ नरबलि, सुनकर ही डरावना लगता है ना कि कैसे कोई अपना काम साधने के लिए किसी जिन्दा इंसान को बेदर्दी से मार सकता है. लेकिन ये बात सच है, हमारे देश के बहुत से हिस्सोने में आज भी भगवान को प्रसन्न करने के नाम पर या फिर तांत्रिक कर्मकांड के नाम पर नरबलि दी जाती है.
मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में आज भी बहुत सी आदिवासी जनजातियाँ रहती है और यहाँ पशुबलि देने का भी चलन है. ऐसे में इस सरकटी लाश के मिलने पर नरबलि की संभावना से भी इनकार नहीं किया जा सकता.
पूजा सामग्री और सरकटी लाश के आसपास मिली शराब की कई बोतलों को देखकर ये भी अनुमान लगाया जा रहा है कि इस किशोर को मारने के समय एक से ज्यादा लोग उपस्थित रहे होंगे.
मामले की अभी भी जांच की जा रही है और ये तो जांच के बाद ही पता चलेगा कि ये मामला नरबलि का है या फिर रंजिशी हत्या का….
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