एक ही रात में क्यों खाली हो गये ये गाँव
जैसलमेर के दीवान सालमसिंह की बुरी नजर पालीवालों की बेटी पर पड़ गयी. वह इनसे शादी करना चाहता था. लड़की के घर उसने संदेशा भेजा कि अगली पूर्णमासी तक या तो लड़की दे दो, नहीं तो सुबह होते ही वह गाँव पर धावा बोलकर, लड़की को उठा ले जाएगा. 84 गाँव के लोगों ने अपनी पंचायत में यह फैसला लिया कि अपनी लडकी वह दीवान को नहीं देंगे. ब्राह्मणों को यह सही नहीं लगा. वह स्वाभिमान की रक्षा के लिये अपने 84 गांव, एक ही रात में खाली करके चले गए और फिर वह वापिस कभी नहीं लौटे और जाते-जाते दे गए एक श्राप कि दोबारा इन घरों मे कोई बस नहीं पाएगा.
तबसे लेकर आजतक कोई भी यहाँ नहीं बस पाया है. जो यहाँ रहता है, उसके परिवार में किसी ना किसी की मौत जरूर हो जाती है. आज इन गाँवों को पर्यटन स्थल बना दिया गया है. कहते हैं कि यहाँ अब आत्माओं का राज है, जो रात होते ही बाहर आ जाती हैं. इस घटना को 180 वर्ष से ज्यादा समय हो चुका है.