हर साल मार्च महीने की 8 तारीख महिलाओं के लिए बेहद खास मानी जाती है क्योंकि पूरे साल में यही वो एक खास दिन होता है जब पूरी दुनिया की महिलाएं महिला दिवस का जश्न मनाती हैं.
आज भले की कागजी तौर पर महिलाओं को पुरुषों के समान अधिकार दिए गए हैं लेकिन सवाल है कि क्या इस देश की सारी महिलाएं अपने अधिकारों के प्रति जागरूक हैं.
आज भी इस देश की ना जाने कितनी महिलाएं पुरूष प्रधान समाज में जी रही हैं और ना जाने कितनी महिलाएं बलात्कार, दहेज प्रताड़ना और घरेलू हिंसा जैसी यातनाएं झेलने को मजबूर हैं.
लेकिन इसी देश में ऐसी महिलाएं भी हैं जो कई क्षेत्रों में पुरूषों से भी आगे निकल चुकी हैं और हर क्षेत्र में अपनी काबिलियत के झंडे गाड़ चुकी हैं.
तो चलिए इस महिला दिवस का जश्न हम देश की उन महान नारियों के साथ मनाते हैं जिन्होंने महिलाओं को सिर उठाकर जीना सिखाया है.
इस महिला दिवस पर –
1- रानी लक्ष्माबाई
झांसी की रानी लक्ष्मीबाई 1857 के संग्राम की एक ऐसी वीरांगना थीं जिन्होंने महज 23 साल की उम्र में ही ब्रिटिश साम्राज्य की सेना से संग्राम किया और वीरगित को प्राप्त हुईं. लेकिन उन्होंने अपनी आखिरी सांस तक अंग्रेजों को झांसी पर कब्जा नहीं करने दिया.
2- सावित्रीबाई फुले
सावित्रीबाई फुले भारत की पहली महिला शिक्षिका, समाज सुधारक और मराठी कवयित्री थीं. उन्होंने उस समय महिलाओं के विकास के बारे में सोचा जब भारत में अंग्रेजों का राज था और महिलाओं का पढ़ना लिखना पाप माना जाता था.
लेकिन समाज में फैली इन कुरीतियों के खिलाफ आवाज उठाते हुए सावित्री बाई ने ना सिर्फ स्कूल खोले बल्कि महिलाओं को शिक्षित भी किया.
3- इंदिरा गांधी
भारत की पहली महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को देश की लौह महिला के नाम से भी संबोधित किया जाता है. पंडित जवाहरलाल नेहरू की इकलौती बेटी इंदिरा गांधी अपनी प्रतिभा और राजनीतिक दृढ़ता के लिए देश ही नहीं बल्कि विश्व की राजनीति के इतिहास में जानी जाती हैं.
4- किरण बेदी
किरण बेदी भारत की पहली महिला आईपीएस अधिकारी बनीं. वो संयुक्त आयुक्त पुलिस प्रशिक्षण और दिल्ली पुलिस स्पेशल आयुक्त के पद पर काम कर चुकी हैं. इसके अलावा अन्ना हजारे के आंदोलन में भी किरण बेदी महत्वपूर्ण भूमिका निभा चुकी हैं.
कल्पना चावला भारत की पहली महिला अंतरिक्ष यात्री थीं. कल्पना को बचपन से ही पढ़ने और हवाई करतब में काफी रूचि थी. कल्पना साल 1988 में नासा शामिल हुई थीं और यहां रहकर उन्होंने कई शोध किए थे. उनकी प्रतिभा, लगन और योगदान को कोई नहीं भूला सकता.
6- सुनीता विलियम्स
सुनीता विलियम्स अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के माध्यम से अंतरिक्ष में जाने वाली भारतीय मूल की दूसरी महिला है. वो गुजरात के अहमदाबाद से ताल्लुक रखती हैं. सुनीता ने एक महिला अंतरिक्ष यात्री के रुप में 195 दिनों तक अंतरिक्ष में रहने का विश्व कीर्तिमान स्थापित किया है.
7- मदर टेरेसा
करूणा और सेवा की देवी मदर टेरेसा ने जन्म के बाद होश संभालते ही दूसरों के लिए जीना शुरू कर दिया और अपनी जिंदगी का हर एक पल दूसरों के नाम कर दिया.
एक महिला होते हुए उन्होंने समाज सेवा और मानव सेवा के क्षेत्र में जो काम किया वो शायद ही कोई कर पाए. इसलिए आज उनका नाम इतिहास के पन्नों में सुनहरे अक्षरों से दर्ज है.
मेधा पाटकर को ‘नर्मदा घाटी की आवाज़’ के रूप में पूरी दुनिया में जाना जाता है. गांधीवादी विचारधारा से प्रभावित मेधा पाटकर ने ‘सरदार सरोवर परियोजना’ से प्रभावित होने वाले लगभग 37 हज़ार गांवों के लोगों को अधिकार दिलाने की लड़ाई लड़ी है. इसके अलावा उन्होंने महेश्वर बांध के विस्थापितों के आंदोलन का भी नेतृत्व किया.
चंदा कोचर, भारतीय उद्योग जगत और बैंकिंग के क्षेत्र का एक जाना माना नाम हैं. जिन्होंने अपनी मेहनत, विश्वास और लगन से पुरुष प्रधान बैंकिंग क्षेत्र में अपनी एक अलग पहचान बनाई.
आईसीआईसीआई बैंक की सीईओ चंदा कोचर का नाम आज शक्तिशाली महिलाओं की सूची में शामिल है. चंदा की यह सफलता महिला सशक्तिकरण का एक आदर्श उदाहरण है.
महिला मुक्केबाजी में मैरीकॉम अपने मुक्के का दम पूरी दुनिया को दिखा चुकी हैं. मैरी कॉम बॉक्सिंग में पांच बार विश्व विजेता का खिताब भी हासिल कर चुकी हैं.
बॉक्सिंग में देश का नाम रोशन करने के लिए भारत सरकार ने 2003 में उन्हें अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया था. जबकि साल 2006 में उन्हें पद्मश्री से सम्मानित किया गया.
भारतरत्न लता मंगेशकर भारत की सबसे अनमोल गायिका हैं. गायिकी की दुनिया में स्वर कोकिला के नाम से मशहूर लता मंगेशकर की आवाज की दीवानी पूरी दुनिया है.
पिछले 6 दशकों से भारतीय सिनेमा को अपनी आवाज दे रहीं लता मंगेशकर बेहद ही शांत स्वभाव और प्रतिभा की धनी हैं. जिनके आगे पूरी संगीत की दुनिया नतमस्तक है.
12- ऐश्वर्या राय बच्चन
साल 1994 में मिस इंडिया प्रतियोगिता की उपविजेता बनने के बाद उसी साल ऐश्वर्या राय बच्चन ने मिस वर्ल्ड का खिताब अपने नाम कर लिया.
ये विश्व सुंदरी आज हिंदी सिनेमा में अपना एक खास मुकाम रखती हैं और अपने दमदार अभिनय और बेमिसाल हुस्न की बदौलत लाखों करोड़ों दिलों पर राज कर रही हैं.
गौरतलब है कि ये देश की वो महिलाएं हैं जिन्होंने ये साबित किया है कि महिलाएं अगर ठान लें तो वो पूरी दुनिया में अपनी काबिलियत के झंडे गाड़ सकती हैं. इस महिला दिवस पर हम उन्हें सलाम करते है.
इसलिए इस महिला दिवस पर देश की उन तमाम महिलाओं को इनसे प्रेरणा लेने की जरूरत है जो अपनी एक अलग पहचान और मुकाम बनाना चाहती हैं.
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