टीचर्स डे – जो हमारी खामियों को दूर कर हमे हमारी खूबियों से मिलवाते हैं, हमे सही-ग़लत का फर्क समझाते हैं, जब भी हम राह भटक जाते हैं हमारा हाथ थाम हमे सही राह पर ले आते हैं, कभी प्यार से तो कभी डांटकर हमे ज़िदंगी से जुड़े सबक सिखाते हैं, किताबी ज्ञान ही नहीं, बल्कि ज़िदंगी का फलसफा बताते हैं, हमारा परिचय हमारे हुनर से करवाते हैं, यूं तो बात-बात पर पैरेंट्स को बुलाने की धमकी देते हैं लेकिन कभी बुलाते नहीं है.
पर हां, हम डर ज़रूर जाते हैं, बिल्कुल ठीक पहचाना आपने बात कर रही हूं हमारे टीचर्स की।
गुरू, अध्यापक, शिक्षक, टीचर, किसी भी नाम से पुकारे, असल में तो वो उस मोमबत्ती के समान हैं जो खुद जलकर हमारी ज़िदंगी को रोशन करती है। गुरू के बारे में बात करने के लिए, उन्हे धन्यवाद कहने के लिए एक दिन काफी नहीं है बल्कि सही मायनों में पूरी ज़िदंगी भी कम है। लेकिन फिर भी आज टीचर्स डे के दिन, अपने गुरूओं को धन्यवाद ज्ञापित करना और उन्हे ये बताना कि वो ही हैं जो आने वाले कल के निर्माता है, ये बहुत ज़रूरी है।
हर किसी की ज़िदंगी में कईं ऐसे टीचर्स होंगे जिनकी बताई बातें आज भी जीवन को सही दिशा दिखाने में मदद करती हैं, जब भी किसी दोराहे पर खड़े होते हैं तो उन्ही की सीख बताती है कि क्या करना चाहिए और क्या नहीं।
गुरू और शिष्य से जुड़ी कईं कहानियां है जो सैकड़ों साल से हमे इस रिश्ते का महत्व समझा रही हैं। कहते हैं कि गुरू के बिना अपनी मंज़िल तक पहुंच पाना संभव नहीं है।
वैसे तो टीचर्स अपने छात्रों को ज़िदंगी जीने का सलीका, अपने अनुभव और कईं जानकारियां तोहफे के रूप में देते हैं लेकिन एक दिन, ऐसा भी है जब स्टुडेंट्स, अपने टीचर्स को तोहफा देते हैं। जी हां, आज का दिन यानी की टीचर्स डे।
डा. सर्वपल्ली राधा कृष्णन जो कि भारत के दूसरे राष्ट्रपति और एक शिक्षक थे, उन्ही के जन्मदिन 5 सितंबर को इस दिन को मनाया जाता है।
स्कूल और कॉलेज के दिनों में अपने टीचर्स को विश करने के लिए, उन्हे कार्ड्स, गिफ्ट्स देने के लिए, अपनी फेवरेट टीचर का गेटअप लेने के लिए मानो सभी छात्रों में होड़ लगी रहती थी वैसे आज क्योकि सोशल मीडिया का ज़माना है तो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर भी आप इस खास दिन का उत्साह देख सकते हैं।
स्कूल का सुनहरा वक्त आपको याद ही होगा जब स्कूल में टीचर से अगर थोड़ी सी शाबासी मिल जाएं या फिर नोट बुक में टीचर गुड या एक्सीलेंट मार्क कर दे, तो ऐसा लगता था मानो दिन ही बन गया।
हम ज़िदंगी भी किसी भी मुकाम को क्यो ना हासिल कर लें, कही भी क्यो ना पहुंच जाए लेकिन अपने टीचर्स से जुड़ी यादें और उनकी हर बात अपनी अहमियत कभी नहीं खोती हैं।
आज के दिन अगर आपने अपने टीचर्स को अभी तक टीचर्स डे विश नहीं किया है, आज के ख़ास दिन पर उन्हे दिल से थैंक्यू नहीं कहा है तो जल्दी से कह दीजिए हैप्पी टीचर्स डे ।
और हमेशा याद रखिए,
गुरु बिन ज्ञान न उपजै, गुरु बिन मिलै न मोष।
गुरु बिन लखै न सत्य को, गुरु बिन मिटैं न दोष।
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