एग्जाम में फेल हो जाएँ या ढंग का काम ना मिले, थोड़ी सी झिड़क के बाद पापा इस सँभालते है, प्रेरणा देते है फिर से तैयार होने की.
हॉस्टल हो या कॉलेज जितनी स्टाइल मारनी है, गर्लफ्रेंड को घुमाना है, दोस्तों के साथ पार्टी करनी है. पैसा कम है तो बस एक ही इलाज है पापा को फ़ोन करो.
हम चाहे लाख झूठ बोले कि किताबों के लिए या ट्यूशन के लिए पैसे चाहिए और बिना देर किये पापा पैसे भेज देते है. वो जानते है कि हम बहाना कर रहे है पर वो ये भी जानते है कि ये दिन है ये सब करने के.
हम कितने भी बड़े हो जाये पापा के तो हमेशा बच्चे ही रहते है. शादी काम काज में व्यस्त हो जाते है और माँ से तो बात होती रहती है रोज़ पर पापा से बात करने से पहले सोचने लगते है कि क्या बात करेंगे उनसे.