हनुमान की आज्ञा पाकर राजा ने स्वप्न में दिए गए निर्देशानुसार काम करते हुए मंदिर का निर्माण करवाया. लेकिन जब मूर्ति स्थापित करने की बात आई तो हनुमान के नारी स्वरूप की मूर्ति कहीं भी नहीं मिली. मूर्ति ना मिलने पर राजा व्यथित हो गए.
राजा की इस समस्या का समाधान भी हनुमान ने ही बताया. हनुमान ने राजा को कहा कि प्राचीन महामाया मंदिर के कुंड में उनकी स्त्री रूप में मूर्ति छुपी है.