इस रूप में उनके पूँछ नहीं थी. उनके हाथ में राम नमी मुद्रा थी और दुसरे हाथ में लड्डुओं को थाल. हनुमान ने महिलाओं जैसे लाल वस्त्र पहने थे और आभूषण और श्रृंगार से खुद को सजा रखा था. हनुमान का ये रूप देखकर राजा आश्चर्यचकित हो गए.
स्त्री रूपधारी हनुमान ने रजा से कहा कि मैं तुम्हारी भक्ति से प्रसन्न हूँ और तुम्हे इस विकट रोग से मुक्ति दूंगा.
तुम्हे एक मंदिर बनवाकर मेरे इस रूप की स्थापना करनी होगी और मंदिर के पास एक तालाब बनवाकर उसमे स्नान करना होगा.
ऐसा करने पर तुझे हर कष्ट से मुक्ति मिल जाएगी.