भगवान हनुमान की पूजा तो हम सभी करते हैं लेकिन जब उनके जीवन से कुछ बातें सीखने की बारी आती है तो हम नाटक करने लग जाते हैं.
हनुमान जी के जीवन से हम सभी जो सबसे बड़ी बात सीख सकते हैं वह टारगेट को अचीव करना है.
यदि हम हनुमान जी की तरह अपने काम पर ध्यान देते हुए कार्य करें तो तब हमें अलग से भगवान की कृपा की आवश्यकता नहीं पड़ेगी. हनुमान जी के जीवन में सबसे बड़ा कार्य माता सीता की खोज रहा है.
यह असंभव कार्य हनुमान जी को दिया गया था.
तो आइये जानते हैं हनुमान की बातें कि कैसे हनुमान अपने टारगेट अचीव करते हैं-
हनुमान की बातें –
1. जब सब विशाल समुद्र देख घबरा गये थे
जैसे ही सभी विशाल समुद्र को देखते हैं तो सभी घबरा जाते हैं कि अब कैसे माता सीता का पता खोजा जाएगा? कौन है जो इस विशाल समुद्र को लांघ सकता है? तब ऐसे में यह असंभव कार्य हनुमान जी ने किया था. हनुमान जी ने बड़ी चतुराई से माता सीता का पता लगाया था. जब हनुमान टारगेट अचीव करने जा रहे थे तो रास्ते में हनुमान का सामना सबसे पहले विशाल पर्वत से हुआ था. उसके बाद एक राक्षस की भूख हनुमान मिटाते हैं और अंत में लंका पहुंचकर माता सीता की खोज करते हैं.
इस कार्य से हमको पता चलता है कि हनुमान को भी मंजिल पर पहुँचने से पहले मुश्किलों का सामना करना पड़ा था लेकिन हनुमान का ध्यान सिर्फ और सिर्फ माता की खोज पर था. इसलिए हनुमान अपना टारगेट अचीव कर लेते हैं.
2. भगवान राम की प्राप्ति भी एक टारगेट था
शुरू से ही हनुमान भगवान राम जी के दर्शन करने के लिए दूर पहाड़ों में तपस्या कर रहे थे. सालों की हनुमान की तपस्या में हनुमान का ध्यान भंग नहीं होता है क्योकि हनुमान का टारगेट सिर्फ और सिर्फ राम ही थे और अंत में वह राम की प्राप्ति भी कर लेते हैं. तो क्या इसी तरह से आज हमको भी अपने टारगेट की प्राप्ति नहीं करनी चाहिए?
3. हनुमान का ध्यान सिर्फ लक्ष्मण के प्राण बचाने पर था
ऐसा ही एक बार असंभव कार्य हनुमान को और दिया गया था जब लक्ष्मण जी की जान बचाने के लिए हनुमान को हिमालय से जड़ी-बूटी लानी थी. टारगेट वाकई तब भी असंभव ही था. श्रीलंका से हनुमान राक्षसों से लड़ते हुए हिमालय पहुँचते हैं और यहाँ देखते हैं कि सारी जड़ी-बूटी ही चमक रही हैं. तब हनुमान सारा पहाड़ ही उठा लेते हैं और पहाड़ लेकर श्रीलंका पहुँच जाते हैं और यह टारगेट भी पूरा करते हैं. तो क्या अब इस कार्य से हमको टारगेट अचीव करने की शक्ति नहीं मिलती है क्या?
असल में हम हनुमान जी से कभी टारगेट अचीव करने की शक्ति मांगते ही नहीं है.
ये है हनुमान की बातें जो हमें टारगेट हम्सिल करना सिखाती है – हनुमान जी जब कोई कार्य कर रहे होते थे तो उस समय उनका ध्यान बस और बस काम पर होता है. जो भी मुश्किलें आती थीं हनुमान जी उनका सामना करते थे. दूसरी तरफ हम मुश्किलों से घबरा जाते हैं और हनुमान भक्त होते हुए भी डर कर मंजिल को भूल जाते हैं. तो अब अगर आप हनुमान भक्त हैं तो आपको टारगेट अचीव करना हनुमान जी से सीखना चाहिए.
अगर आप हनुमान की बातें ध्यान में रखकर अपना टारगेट अचीव करना सीखते हैं तो निश्चित रूप से आपके सभी तरह के कार्य पूरे होने लगेंगे.