अप्रैल महीने की 22 तारीख एक शुभफल लेकर आने वाली है.
ऐसा कई सालों बाद हो रहा है कि हनुमान जयंती बिना किसी ग्रह के आने वाली है.
याद कीजिये कि अंतिम बार भी हनुमान जयंती पर चन्द्र ग्रहण पड़ा था. शाम तक सभी मंदिरों के द्वार बंद रहे थे और शाम को मात्र कुछ घंटे भक्त पूजा कर पाए थे.
लेकिन इस बार ऐसा कुछ भी नहीं है. आगामी 22 अप्रैल को आपके जीवन के सारे दुःख-दर्द दूर हो सकते हैं. ऐसा बोला जाता है कि अगर कोई भक्त हनुमान जी की पूजा इस दिन दिल से करता है तो हनुमान जी के साथ-साथ राम जी की कृपा उसको मिलती है.
हनुमान जयंती का त्यौहार बजरंग बलि के भक्तो के लिए बहुत महत्त्व रखता है. इसे हनुमान जी से जुड़ा सबसे बड़ा त्यौहार माना जा सकता है. इस दिन हनुमान जी का जन्म हुआ था और धरती पर पाप खत्म करने स्वयं भगवान ने अवतार लिया था.
कलयुग के सबसे शक्तिशाली भगवान
कलयुग में हनुमान को सबसे शक्तिशाली देवता माना जाता है. जब देवताओं ने हनुमान जी को वरदान दिए थे तो एक वरदान यह भी था कि जब तक यह पृथ्वी रहेगी, हनुमान जी इस धरती पर तब तक साक्षात् रहेंगे.
अगर कोई व्यक्ति हनुमान जी की पूजा निरंतर करता रहता है तो उसकी हर तरह की दुःख तकलीफों का अंत होने लगता है.
हनुमान जयंती पर हनुमान यज्ञ
अगर किसी के घर में कलेश और अशुभ हो रहा है तो उस व्यक्ति को हनुमान जयंती के दिन घर में हनुमान यज्ञ का आयोजन करवा लेना चाहिए. ऐसा नहीं है यह यज्ञ बहुत बड़ा या काफी लोगों के साथ, खूब खर्चे से किया जाये, व्यक्ति को अपनी हैसियत के हिसाब से इस यज्ञ का आयोजन कराना चाहिए.
कलयुग में हनुमान यज्ञ सभी प्रकार की पीड़ा से मुक्ति दिलाने वाला और धन और यश की प्राप्ति के लिए एक उत्तम और चमत्कारिक उपाय के रूप में बताया जाता है. हिन्दू संत बताते हैं कि हनुमान यज्ञ में इतनी शक्ति है कि अगर विधिवत रूप से यज्ञ को कर लिया जाए तो यह व्यक्ति की हर मनोकामना को पूरा कर सकता है. इसलिए शायद कई हिन्दू राजा युद्ध में जाने से पहले हनुमान यज्ञ का आयोजन जरूर करते थे.
कैसे प्राप्त करें हनुमान जी की कृपा
इस दिन हनुमान जी की कृपा प्राप्ति के लिए आप सुबह जल्दी उठ जाएँ. सुबह नहा धोकर, मंदिर में दिया जलायें और हनुमान जी की आरती कर, शंखनाद करें. इससे हनुमान जी को प्रसन्नता होगी. तब साफ़ आसन लगाकर बैठ जाये और हनुमान चालीसा का पाठ कम से कम 11 बार जरूर करे. अधिकतम आप पर निर्भर है.
ॐ हनुमंते नमः मन्त्र का जप कम से कम 108 बार करने के बाद, आपको अपने सारे दुःख-दर्द हनुमान जी को बताने चाहिए. इस समय आप अनुभव करें कि वह आपके पिता हैं और आप उनसे सारी बातें शेयर कर रहे हैं.
जब यह क्रिया पूरी हो जाए तो हनुमान जी के मंदिर जरूर जायें वहां पर तेल या घी का दीया जलायें, नारियल चढ़ाएँ. आप अगर कर सकते हों तो कुछ 5 बार हनुमान चालीसा का पाठ यहाँ भी पढ़ लें.
इस तरह से अगर आप हनुमान जयंती पर हनुमान की आराधना दिल से करते हैं तो आपके सारे दुःख-दर्द पल में ख़त्म हो जायेंगे. याद रखें इस दिन जरूरत मंद की मदद करें, गरीबों को खाना खिलायें और माता-पिता की सेवा तो सबसे पहले करें.
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