रेप की सज़ा – देश में लड़कियां सुरक्षित नहीं है.
भारत में न सिर्फ यहाँ की लड़कियों के साथ बल्कि विदेश से आई लड़कियों के साथ भी दुष्कर्म की घटनाएं होती हैं. देश की छवि इतनी बिगड़ती जा रही है कि कहा नहीं जा सकता.
कई देश के लोगों ने तो भारत से इस पर रिपोर्ट माँगा है.
उन देशों का कहना है कि अगर उनकी जनता और खासतौर पर लड़कियों के लिए भारत सुरक्षित नहीं रहेगा तो भारत जैसे देश से व्यापार और एनी संबंध रखना मुश्किल होगा.
रेप की सज़ा –
भारत को हर बार इस तरह की स्थितिओं से से दो चार होना पड़ता है.
यहाँ की लड़कियों की स्थिति तो इतनी खराब है कि वो शाम के बाद बाहर नहीं निकल सकतीं. हैरानी तो तब होती है जब बड़े बड़े नेता भी इस तरह का बयान दे देते हैं कि लड़कियां स्कर्ट पहनकर घूमेंगी तो उनका रेप तो होगा ही.
वैसे अब कई नेता हैं जो इस बात को संज्ञान में ले रहे हैं और ऐसा कानून पारित कर रहे हैं, जिससे इस तरह की घटनाओं पर रोक लगेगा.
राजस्थान सरकार नाबालिगों से दुष्कर्म करने वाले दोषियों को मौत की सजा का प्रावधान लाने वाली है. राजस्थान के मंत्री गुलाब चंद कटारिया ने कहा कि उनकी सरकार भी मध्यप्रदेश की तरह ही ऐसा कानून लाएगी जिसके तहत नाबालिगों के साथ दुष्कर्म करने वाले दोषियों को फांसी पर लटकाया जाएगा.
इसका मतलब ये हुआ कि अगर किसी नाबालिक से रेप किया जाता है तो उस व्यक्ति को फंदी की सजा सुनाई जाएगी.
इस कानून के तहत 12 वर्ष या उससे कम उम्र वाले मासूमों के साथ दुष्कर्म जैसी दरिंदगी करने वालों को रेप की सज़ा के तौर पर मौत की सजा दी जाए, तैयार होते ही इसे विधानसभा में पेश किया जाएगा,‘ गौरतलब है कि मध्य प्रदेश विधानसभा ने पिछले साल 4 दिसंबर को सर्वसम्मति से दंड कानून (मध्य प्रदेश संशोधन) बिल-2017 पारित कर दिया जिसके तहत 12 या उससे कम उम्र की लड़कियों के साथ दुष्कर्म मामले में दोषी को मौत की सजा दी जाएगी.
राजस्थान में वैसे भी लड़कियां कम हैं और ऐसे में उनके साथ दुष्कर्म होने के बाद उनके पास मौत के सिवा और कोई चारा नहीं बचता
हम आपको बता दें कि मासूमों के साथ रेप करने वालों को सबसे पहले मध्य प्रदेश की सरकार सजा के रूप में फंसी घोषित किया.
शिवराज सिंह चौहान ने अपने प्रदेश की लड़कियों के भविष्य के लिए ऐसा कानून बना दिया. पिछले साल ही मध्य प्रदेश में 12 साल से कम उम्र की लड़कियों से बलात्कार पर अब फांसी की सजा मिलने का प्रावधान घोषित कर दिया गया था. बड़े बदलावों के विधेयक को सर्वसम्मति से मंजूरी दे दी गई थी.
ऐसा करने वाला मध्य प्रदेश देश का पहला राज्य बन गया. मध्य प्रदेश से ही हरियाणा की सरकार और अब राजस्थान की सरकार सीख लेकर ऐसा कानून बना रही है.
लड़कियों की सुरक्षा के लिए हर राज्य को इस तरह का कानून बनाना चहिए.
जब तक देश का कानून सख्त नहीं होगा दोषियों का मनोबल बढ़ता रहेगा. असल में नन्हीं बच्चियों के साथ दुष्कर्म करने वालों को ये कहकर छोड़ दिया जाता है कि उनका मानसिक संतुलन ठीक नहीं.
अब से फ़िज़ूल की बातों पर चर्चा किए बगैर ही दोषियों को फांसी दी जाएगी. इससे सुधार संभव है.
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