हाल ही में केंद्र सरकार ने हज सब्सिडी पर रोक लगा दी ।
जिसके बाद से सरकार कोई राज्यों में विरोध झेलना पड़ राहा हैं । मुस्लिम समुदाय के लोगों ने तो ये तक कह दिया कि क्या सरकार केंद्र सरकार मानसरोवर यात्रा की सब्सिडी खत्म करेगी। लेकिन सवाल अब ये उठता है कि क्या हज सब्सिडी खत्म करना केंद्र सरकार की राजनीति का हिस्सा हैं । या फिर ये सच में राजकोष के लिए किया गया है । हालांकि केंद्र सरकार की कोई भी मनसा हो लेकिन हज सब्सिडी को लेकर राज्यों की अपनी राजनीति जरुर शुरु हो गई हैं । जिसका सबसे ज्यादा फायदा कहीं न कहीं केंद्र सरकार भी हो रहा हैं । क्योंकि भारत के 6 राज्यों और 1 केंद्र शासित प्रदेश में मुस्लिम आबादी सबसे ज्यादा हैं । जिनमें पश्चिम बंगाल, यूपी, केरल, असल, जम्मू -कश्मीर, बिहार और दिल्ली हैं ।
इन सभी जगहों मे अगर यूपी और असम को छोड़ दें तो बाकी राज्यों में विपक्षी पार्टियों की सरकार हैं और क्योंकिं मानसरोवर की यात्रा के लिए कई राज्य अपने राज कोष में से सब्सिडी के लिए पैसे देते हैं ।
तो ऐसे माना जा रहा हैं कि मुस्लिम सुमदाय के लोग राज्य सरकारों से हज यात्रा पर सब्सिडी लगाने की मांग कर सकते हैं । जिस लिहाज से भाजपा को यूपी और असम के अलावा बाकी किसी राज्य में अपने वोट बैंक को लेकर चिंता करने की जरुरत नहीं हैं । हालांकि दूसरे पार्टियों दारा शासित प्रदेशों को नुकसान जरुर हो सकता हैं ।
क्योंकि अगर वो हज सब्सिडी नहीं लगाते हैं । कहीं न कही वो अपने वोटर्स का विश्वास खो देंगे और अगर हज सब्सिडी देते हैं । उनके राजकोष में गिरावट आएगी । हालाकिं ऐसी स्थिति में भी विपक्ष अपना दांव खेलने से पईछे नहीं हटेगा । और उन्ही में से एक पश्चिम बंगाल की सत्ताधारी पार्टी टीएमसी भी हैं । बंगाल की मुख्य मंत्री ममता बनर्जी भाजपा के तीन तलाक खत्म करने के विरोध में भी थी । जिसे साफ भले ही ममता बनर्जी को राज कोष में हानि हो लेकिन हज सब्सिडी देकर लोगों का वोट जीतने से ममता बर्जी नहीं चुकेंगी । साथ ही भाजपा को घेरे में लेकर तीन वार भी कर सकती हैं ।
आपको बता दें बंगाल 30 प्रतिशत मुस्लिम वोटर्स हैं । वैसे आपको बता दें हर साल हज यात्रा जाने वाले लोगों में सबसे ज्यादा केरल के होतें है । यहां पर मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी हैं । जो भाजपा पर निशाना साधने का एक मौका नहीं छोड़ती । माना जा रहा हैं कि केरल के सीएम जल्द केरल के लोगों को हज सब्सिडी का तोहफा दे सकते हैं । यहां की 25 % आबादी मुस्लिम हैं ।
जम्मू कश्मीर में भारत के मुस्लिम सुमदाय के सबसे ज्यादा लोग रहते हैं । जिसे साफ हैं की यहां की सत्ताधारी पार्टी और भाजपा सहयोगी पार्टी भी लोगों को हज सब्सिडी का तोहफा दे सकती हैं । केद्रं सरकार के हज सब्सिडी खत्म करने का खआसा असर यूपी में भी पड़ने वाला है । क्योंकि यहां के भी बहुत से लोग हज यात्रा के लिए जाते हैं । लेकिन क्योंकि यहां पर भाजपा की ही सरकार हैं जिस वजह से माना जा रहा है कि यूपी को हज सब्सिडी की सौगात मिलना मुश्किल हैं। वैसे भी इसे पहले भी यूपी में भाजपा सरकार दारा लिए फैसलों ने यहां के मुस्लिम वोटर्स को नाराज किया हैं ।
लेकिन भाजपा के रैवेये से लगता है कि उन्हें 19 प्रतिशत मुस्लिम वोटर्स में कोई खास दिलचस्पी नहीं हैं । और ऐसा ही कुछ हाल असम का भी हैं । जहां मुस्लिम समुदाय की आबादी सभी पूर्वोत्तर राज्यों में सबसे ज्यादा है । लेकिन यहां कि भाजपा सरकार पर हमेशा से ये इल्जाम लगता रहा हैं खि वो यहां से मुस्लिमानों को भगाना चाहती हैं । वही दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल भी केंद्र सरकार के इस फैसले से खासा नाराज हैं । लेकिन ये भी सच हैं कि राज्य सरकारें चाहे कितनी भी नाराज हे जाए लेकिन अब हज सब्सिडी का पैसा उन्हे अपने कोष से ही देन पड़ेगा । जिसे माना जा सकता हैं कि इस बार केंद्र सरकार ने काफी बड़ा दाव खेला हैं ।