हैकर्स – जिस रफ्तार से डिजीटल का दौर बढ़ रहा है उतनी ही ज़्यादा असुरक्षा भी बढ़ रही है, खासतौर पर ऑनलाइन ट्रांजेक्शन बहुत इनसिक्योर हो गया है.
साइबर हमले का खतरा भी बहुत बढ़ गया है. हर रोज़ लोग ऑनलाइन ठगी का शिकार हो रहे हैं और इसकी सबसे बड़ी वजह है सतर्कता और जागरुकता का अभाव. थोड़ा सा अलर्ट रहकर आप ऑनलाइन फ्रॉड से बच सकते हैं.
एक रिपोर्ट के मुताबिक दुनियाभर में हर सेकेंड हैकर्स लोगों के 11 लाख डॉलर यानी करीब 8 करोड़ उड़ा रहे हैं. साथ ही रिपोर्ट में कहा गया है कि 1 मिनट में दुनियाभर में 1,861 लोग साइबर हमले का शिकार बन रहे हैं.
सैनफ्रांसिस्को स्थित साइबर सिक्युरिटी कंपनी रिस्कआईक्यू की एक रिपोर्ट में इसका खुलासा हुआ है.
रिपोर्ट की मानें तो दुनियाभर के हैकर्स हर साल विश्व की अर्थव्यवस्था को बहुत नुकसान पहुंचा रहे हैं. रिपोर्ट में दावा किया गया है कि पिछले साल हैकर्स ने विश्व इकॉनमी को 600 अरब डॉलर यानि करीब 42 लाख करोड़ रुपये का नुकसान पहुंचाया था. विश्व अर्थव्यवस्था को 1 मिनट में 11,38,388 डॉलर यानि करीब 7.97 करोड़ रुपये का नुकसान हो रहा है और प्रत्येक 1.5 मिनट में करीब 3 कंपनियों पर साइबर हमला किया जा रहा है.
ऐसे में इन कंपनियों को हर मिनट 10.65 लाख रुपये का घाटा हो रहा है. कंपनी के सीईओ एलियास मनौसोस ने कहा है कि इंटरनेट की इस दुनिया में हैकर्स मैलवेयर, फिशिंग और सप्लाई चेन के जरिए लोगों को ठगा जा रहा है. बता दें कि सप्लाई चेन हमले में ऐसे इंटरनेट कनेक्शन को निशाना बनाया जाता है तो पूरी तरह से सिक्योर नहीं होते हैं.
ये हैं पिछले कुछ दिनों में हुए बड़े साइबर हमले
पिछले महीने दक्षिण कोरिया में एक क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज को हैक किया गया और हैकर्स ने 30 फीसदी करेंसी उड़ा लिए. इसके तुरंत बाद करेंसी की कीमत औंधे मुंह गिर गई. चोरी से पहले बिटक्वाइन की कीमत 6,780 डॉलर थी, जबकि चोरी से पहले के सप्ताह में यह कीमत 7,500 डॉलर हो गई थी.
अभी दो दिन पहले ही पुणे के कॉसमॉस को ऑपरेटिव बैंक के पूरे सर्वर सिस्टम को हैक करके 94 करोड़ रुपये निकाले गए. पैसे भारत और अन्य देशों में निकाले गए.
ऑनलाइन ट्रांजेक्शन के दौरान रहें सतर्क
- टू फैक्टर ऑथेंटिकेशन (दो-स्तरीय ऑथेंटिकेशन) प्रोसेस को एक्टिव करें.
- संभव हो तो रेलवे स्टेशन या फ्री वाई-फाई का इस्तेमाल ना करें.
- अपने मोबाइल नंबर पर बैंक का नोटिफिकेशन एक्टिव कराएं.
- ऑनलाइन भुगतान के लिए अधिकतम सीमा तय करें. कई बैंक यह विकल्प देते हैं.
- मोबाइल में इंटरनेट बैंकिंग का पासवर्ड, क्रेडिट कार्ड की डिटेल, एटीएम पिन आदि को सेव करके ना रखें.
- किसी भी तरह का संदिग्ध मेल हो तो उसे ओपन न करें और न ही मेल पर मांगी गई बैंक संबंधी कोई जानकारी दें.
हैकर्स – तकनीक के जितने फायदे हैं, उतने ही नुकासन भी है, ऐसे में ये आप पर निर्भर करता है कि आप उसका सुरक्षित इस्तेमाल कैसे करते हैं. इंटरनेट के इस दौर में आपको बहुत चौंकना रहने की ज़रूरत है.