लड़कों का यौन शोषण – बच्चे फूल की तरह नाजुक होते हैं।
जिस तरह से फूलों को नहीं मालूम होता है कि उन्हें कौन किस भावना से छू रहा है उसी तरह से बच्चों को भी मालूम नहीं होता है कि कोई उन्हें किस भावना से छू रहा है। और जिस तरह से बुरी भावना से फूलों को छूने वाले लोग फूलों को मसोसकर तोड़ देते हैं उसी तरह से लोग भी बच्चों के साथ ऐसा ही करते हैं जिसके कारण बच्चे जिंदगी भर के लिए मुरझा जाते हैँ।
लेकिन फूलों के साथ एक चीज अच्छी होती है कि उनकी जिंदगी उसी समय खत्म हो जाती है। जबकि बच्चे उस दर्द और डर को जिदंगी भर याद रखते हैं उसी के साये में जीते हैं। इस डर से बाहर नहीं निकल पाने के कारण आगे भी उनके साथ ऐसा ही होता है और वे कुछ नहीं बोल पाते हैं।
इससे निकलने के लिए क्या किया जाए? यह तो अभी नहीं मालूम। क्योंकि जिस तरह की बच्चों और यौन शोषण से जुड़ी घटनाएं सामने आ रही हैं वह बहुत ही हैरान करने वाली है।
लड़कों का यौन शोषण –
लड़कों का होता है अधिक यौन शोषण
अब तक माताएं केवल अपनी बच्चियों को ही लोगों की नजरों से बचाकर रखती हैं और लड़कों को बाहर कहीं भी-किसी के पास भी खेलने के लिए भेज देती हैं। लेकिन शायद अब माताओं को ऐसा करना बंद कर देना चाहिए। क्योंकि हाल ही में आए नए रिपोर्ट के अनुसार लड़कियों की तुलना में लड़कों का यौन शोषण अधिक होता है।
एससीईआरटी, हरियाणा ने कराया सर्वे
यह सर्वे स्टेट काउंसिल ऑफ एजुकेशनल रिसर्च ऐंड ट्रेनिंग (एससीईआरटी), हरियाणा ने करवाया है जो रिलीज होते ही हर जगह बवाल मचा चुका है। इस सर्वे रिपोर्ट के अनुसार लड़कियों से ज्यादा लड़कों का यौन शोषण होता है।
नवभारत टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक 6 महीने के दौरान पूरे प्रदेश के 33 हजार 460 बच्चों पर किया गया। इनमें गुड़गांव के 1089 स्टूडेंट्स शामिल थे, जिनमें लड़कों की संख्या 44.9 प्रतिशत और लड़कियों की संख्या 55.1 प्रतिशत थी। प्रश्नावली को अलग-अलग स्कूलों में जाकर बच्चों से भरवाया गया।
पूछे गए इस तरह के सवाल
इस सर्वे में बच्चों (लड़के एवं लड़कियां) से कुछ सवाल पूछे गए थे। इनमें क्या किसी ने कभी जबरन यौन संबंध रखने की कोशिश की?, क्या किसी ने आपको अश्लील चित्र दिखाए? क्या आपको किसी ने जबर्दस्ती गले लगाया? क्या कभी आपको किसी ने सार्वजनिक रूप से छूने की कोशिश की? जैसे सवाल शामिल थे।
क्या है कारण?
हर किसी के लिए हैरान करने वाला है कि लड़कों का ज्यादा शोषण होता है और सब अपनी तरफ से इसके कारण का अंदाजा लगा रहे हैं। लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि लड़कियों के मामले में पुलिस जल्दी सक्रिय हो जाती है, जबकि लड़कों के मामलों में ज्यादा ध्यान नहीं दिया जाता और यही उनके शोषण का कारण बनता है।
यह खुलासा हुआ है एससीईआरटी के सर्वे में।
सरकारी स्कूलों के लड़कों का कराया गया सर्वे
एससीईआरटी ने यह सर्वे 2017-18 के सत्र में हरियाणा के कई सरकारी स्कूलों में कराया है। इस सर्वे में लड़के और लड़कियों से अलग-अलग सवाल पूछे गए। इन छात्र-छात्राओं द्वारा दिए गए जवाब के आधार पर रिपोर्ट तैयार की गई है। इसी में खुलासा हुआ है कि लड़कियों के मुकाबले लड़के अधिक संख्या में यौन शोषण का शिकार हो रहे हैं।
सर्वे के निष्कर्षों के अनुसार इन बच्चों को शारीरिक शोषण रिश्तेदार, पड़ोसी और दोस्त ही कर रहे हैं।
लड़कों का यौन शोषण – अगर आपको भी अपने बच्चों की चिंता है तो उनके चेहरे पर आई अचानक उदासी का कारण जानें और उनसे बात करने की कोशिश करें। अगर बच्चा खामोश हो जाए तो इसे नजरअंदाज ना करें। सबसे जरूरी बात, अपने बच्चों को किसी अजनबी के पास ना भेजें। आगे आपके बच्चे हैं तो आप उनका अच्छा-भला ज्यादा अच्छे से जानते हैं। क्योंकि फूलों पर हर किसी की नजर रहती है।
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