सबसे पहले तो आप सभी को गुरु परब की हार्दिक बधाई…
हमारे देश में जब भी बात अल्पसंख्यकों की और उनके अधिकारों की आती है तो हमने अक्सर लगता है कि अल्पसंख्यक का मतलब एक धर्म विशेष के लोग ही बनकर रह गए है .
इसका कारण है हमारे देश में होने वाली धार्मिक राजनीति.
आज हम आपको बताते है हमारे देश के ऐसी अल्पसंख्यक लोगों के बारे में जो गिनती में भले ही कम हो पर देश की रक्षा, उन्नति और प्रगति में उनको योगदान सबसे ज्यादा है.
जी हाँ हम बात कर रहे है सिक्खों की. सिख नाम सुनते ही आँखों के सामने एक छवि उभर आती है. सर पर पगड़ी, आँखों में चमक और चेहरे पर मुस्कान.
तो आइये आज गुरु नानक देवजी के प्रकाश उत्सव जिसे गुरु परब भी कहा जाता जय के मौके पर जानते है सिख धर्म के बारे में कुछ बातें.
सिख धर्म की स्थापना
गुरु नानक देव को धर्म और ईश्वर के बारे में नयी परिभाषाएं गढ़ने और लोगों को एक नयी सोच देने के कारण सबसे महान धार्मिक विचारक और दार्शनिक माना जाता है.
गुरु नानक देव जी ने ईश्वर की नई परिभाषा दी. वो कहते थे कि ईश्वर अनेक नहीं एक ही है और वो सर्वशक्तिमान, शाश्वत सत्य है, उसका ना ही कोई रूप है ना ही कोई आकार और ना ही कोई रंग.
वो निर्भय है वो राग द्वेष, मोह माया से परे है. गुरु नानक किसी भी प्रकार के धार्मिक आडम्बर से दूर थे. उनका सन्देश था कि कोई भी प्राणी ईश्वर को प्राप्त कर सकता है. ईश्वर की प्राप्ति के लिए किसी प्रकार की पूजा, आराधना या कर्म काण्ड की ज़रूरत नहीं है.
गुरु ग्रंथ साहिब
सिक्खों का सबसे पवित्र ग्रंथ गुरु ग्रंथ साहिब है. इसमें सिक्खों के 6 गुरुओं और उस समय के अन्य महपुरुषों की बानी अर्थात् उनकी कही अच्छी बाते लिखी है.
गुरु अर्जुन देव ने आदि ग्रंथ का प्रचार प्रसार देशभर में कराया. सिक्ख धर्म को सबसे सहिष्णु धर्म माना जाता है क्योंकि इनके आदि ग्रंथ में केवल सिख गुरुओं नानक देव जी, गुरु अंगददेव, गुरु अमरदास, गुरु रामदास और गुरु अर्जुनदेव की ही वाणी नहीं है.
इसमें विभिन्न मत और सम्प्रदाय के 15 अन्य संतों की वाणी भी है जिनमे कबीर, शेख फरीद, धन्ना, त्रिलोचन, रविदास, जयदेव और सूरदास शामिल है.
सबसे बहादुर
सिक्खों को सबसे बहादुर कौम में से एक माना जाता है. इसका सुबूत सिक्खों के गुरुओं के बलिदान से लेकर स्वतंत्रता संग्राम में इनके योग दान और आज देश की सबसे बहादुर सेना टुकड़ी सिक्ख रेजिमेंट है. सिक्खों की बहादुरी का सबसे मशहूर किस्सा सारगरही की लड़ाई है.
इस ऐतिहासिक युद्ध में 21 सरदारों ने 10,000 अफगानों से शहीद होने तक युद्ध किया और घंटो तक उनको उलझाकर बचाव के लिए आने वाली टुकड़ी को पूरा समय दिया. ऐसी वीरता की गाथ पूरे विश्व में शायद ही कहीं देखने या सुनने को मिलती है.
गुरु तेगबहादुर, अर्जुनदेव का बलिदान और गुरु गोविन्द सिंह के बहादुर पुत्रों की शहादत आज भी बहादुरी का उदहारण है.
सेवा में सबसे आगे
सेवाभाव में भी सिक्खों का कोई सानी नहीं है. गुरूद्वारे जाने पर एक असीम शांति मिलती है. वहां जगह जगह मंदिर या मस्जिद के जैसे चढ़ावा चढ़ाने के डब्बे नहीं रखे जाते है.
गुरूद्वारे में अमीर हो या गरेब सब एक जैसे होते है.
बड़े से बड़े करोडपति भी आपको गुरूद्वारे में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए जुटे चप्पल सँभालते हुए या फिर साफ़ सफाई या भोजन का कार्य देखते हुए मिल जायेंगे. कोई भेदभाव नहीं सब एक औंकार की संतान. गुरूद्वारे में लगने वाले लंगर में हर रोज़ कितने ही गरीब लोगों का पेट भरता है.
सबसे मेहनती
सिख सबसे मेहनती और खुद्दार लोग होते है.
कहा जाता है कि एक सिक्ख कभी भी भूखा नहीं मरता और ना ही कभी मांग कर खाता है.
इस बात का प्रमाण आपको इस बात से मिल जायेगा कि आपने सिक्खों को छोटा बड़ा कोई भी काम करते हुए देखा होगा पर भीख मांगते हुए कभी नहीं देखा होगा. दुनिया भर में कितने ही किस्से है जब एक छोटी जगह काम करने वाले या कहीं टैक्सी चलाने वाले सरदार आज दुनिया के सबसे धनि लोगों की गिनती में आ गए अपनी मेहनत और लगन की वजह से
सबसे बड़ा योगदान फिर भी नहीं मिला वो सम्मान
भारत की आबादी का बहुत ही छोटा हिस्सा सिख समुदाय का है लेकिन उनका योगदान सेना से लाकर अर्थव्यवस्था तक बहुत ज्यादा है.
दुःख की बात ये है कि धर्म और मज़हब की राजनीति की वजह से सिख समुदाय के योगदान को वो सम्मान नहीं मिला जिसके वो अधिकारी है.
आइये आपको कुछ आंकड़े बताते है जिनसे आपको पता लगेगा कि Singh ही है असली King
ब्रिटिश राज में फांसी पर चढ़ाये गए 121 शहीदों में से 93 सिख थे.
इसी प्रकार उम्र कैद की सजा पाने वाले 2646 लोगों में से 2147 सिख थे.
सिख आबादी का भले ही 2% हो पर भारतीय सेना में आज़ादी के बाद सबसे ज्यादा परमवीर चक्र, महावीर चक्र और वीर चक्र सिखों के ही नाम है.
भारतीय अर्थव्यवस्था में भी एक बड़ा योगदान सिखों का है. आयकर का एक बड़ा हिस्सा सिख आबादी से आता है.
देखा आपने कोई सिक्खों पर कितने भी चुटकुले बनाये, उनका कितना भी मजाक उड़ाए पर हकीकत यही है कि Singh ही है असली King.
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