सिख धर्म की स्थापना
गुरु नानक देव को धर्म और ईश्वर के बारे में नयी परिभाषाएं गढ़ने और लोगों को एक नयी सोच देने के कारण सबसे महान धार्मिक विचारक और दार्शनिक माना जाता है.
गुरु नानक देव जी ने ईश्वर की नई परिभाषा दी. वो कहते थे कि ईश्वर अनेक नहीं एक ही है और वो सर्वशक्तिमान, शाश्वत सत्य है, उसका ना ही कोई रूप है ना ही कोई आकार और ना ही कोई रंग.
वो निर्भय है वो राग द्वेष, मोह माया से परे है. गुरु नानक किसी भी प्रकार के धार्मिक आडम्बर से दूर थे. उनका सन्देश था कि कोई भी प्राणी ईश्वर को प्राप्त कर सकता है. ईश्वर की प्राप्ति के लिए किसी प्रकार की पूजा, आराधना या कर्म काण्ड की ज़रूरत नहीं है.