हिन्दू धर्म के अनुसार एक साल में चार नवरात्री होती हैं पर आम लोगों को चेत्र और शारदीय, इन दो नवरात्रि के बारे में ही जानकारी हैं. इन दोनों नवरात्री को आम लोग बड़े धूमधाम से मनाते हैं.
लेकिन इन दो नवरात्री के अलावा भी अन्य दो नवरात्री और होती हैं जिन्हें गुप्त नवरात्री कहा जाता हैं. इस नवरात्री के बारे में जन सामान्य को कम ही जानकारी हैं. आषाढ़ मास के शुक्ल प्रतिपद से शुरू होने वाली ये नवरात्री इस बार 17 जुलाई शुक्रवार को आरंभ होगी और नौ दिन चल कर 25 जुलाई शनिवार को समाप्त होगी.
कहा जाता हैं कि गुप्त नवरात्री मनाने का उद्देश्य गुप्त सिद्धि को प्राप्त करने होता हैं और यह समय ऐसी शक्तियों के लिए स्वर्ण योग होता हैं. गुप्त सिद्धि के प्रतीक माने जाने वाले शैव यानि भगवान शिव और गुप्त नवरात्री शक्ति यानि महाकाली की पूजा इस नवरात्री में मुख्य रूप से की जाती हैं.
पैशाचिक, वामाचारी क्रियाओ को मानने वाले इन पुरे नौ दिन प्रलय और संहार के देवता महाकाल या भगवान शिव और महाकाली की उपासना करते हैं. गुप्त नवरात्री के दिन में इन देवी-देवताओं के साथ-साथ इनके गण और गणिका जैसे भुत-प्रेत, पिशाच-बेताल, डाकिनी-शाकिनी, शववाहिनी-शवरुढ़ा आदि की भी साधना की जाती हैं.
इस तरह की साधना उन स्थान में की जाती हैं जो गुप्त होती हैं या तो वो जगह कोई सिद्ध शमशान होता हैं. भारत में ऐसे चार शमशान घाट ही हैं, जहा ऐसी साधना बहुत जल्दी सिद्ध होती हैं. ऐसे शमशान पश्चिमबंगाल स्थित तारापीठ शमशान, असम में कामख्या पीठ शमशान, नासिक का त्र्यम्ब्केश्वेर पीठ शमशान और उज्जैन स्थित चक्रतीर्थ शमशान हैं. गुप्त नवरात्री में इन जगहों पर साधक दूर-दूर से साधना करने आते हैं.
दक्षिणी साधना, योगिनी साधना, भैरवी साधना के साथ पांच मकार यानि मध, मछली, मुद्रा, मैथुन और मांस की साधना भी इस नवरात्री में की जाती हैं. गुप्त नवरात्री में देवी को कई तरह के भोग लगाये जाते हैं पर इन भोगों के अलावा घी का भोग अवश्य लगाया जाता हैं. इससे साधक को दीर्घआयु प्राप्त होती हैं.
इन दिनों किये जाने वाले टोटके बहुत प्रभावशाली होते हैं जिनके माध्यम से कई मनोकामनाएं पूरी की जाती हैं.
कुछ टोटके जो प्रचलित हैं उनमे से एक हैं- यदि किसी लड़की के विवाह में बाधा आ रही हैं तो गुप्त नवरात्री में पड़ने वाले गुरुवार को केले की जड़ थोड़ी काट कर उसे पीले कपड़े में बांध कर लड़की के गले में पहना दे. ऐसा मानना हैं कि इससे जल्दी विवाह होता हैं.
इसी तरह से अगर किसी बच्चों को नज़र लगती हैं तो इस नवरात्री में हनुमान मंदिर जाकर हनुमान चालीसा का पाठ करे और उनके दाहिने पैर का सिंदूर बच्चों के माथे पर लगाये. बच्चों को नज़र नहीं लगेगी.
इसी तरह भैरव पूजा करने से आप अपनी नौकरी न लगने की समस्या से छुटकारा पा सकते हैं..
वैसे इस तरह के टोटकों में कितनी सचाई होती है ये तो हम भी नहीं जानते है, पर इन सारी बातों पर भरोसा करना अपनी आस्था पर भी निर्भर करता हैं.
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