Categories: विशेष

आज़ादी की लड़ाई में एक पठान और एक पंडित की दोस्ती की दास्तान- शायरी से शहादत तक रहा साथ!

भारत की आज़ादी की लड़ाई में एक से एक क्रांतिकारियों की गाथाएं है.

चंद्रशेखर आजाद, भगत सिंह का नाम तो बच्चा बच्चा जानता है.आज आपको आज़ादी की लड़ाई में शहीद होने वाले दो ऐसे क्रांतिकारियों की कहानी बताते है जिनकी दोस्ती एक मिसाल थी.

अगर उनके जैसे क्रांतिकारी जिंदा रहते तो शायद भारत के विभाजन को रोकने के भी प्रयास करते.

ये कहानी है एक मुसलमान पठान और एक हिन्दू पंडित की जिन्होंने साथ साथ शेर ओ शायरी भी की और साथ साथ देश के लिए शहीद भी हुए.

राम प्रसाद बिस्मिल और अशफाकउल्ला खान इन दोनों महान क्रांतिकारियों का जन्म शाहजहांपुर में हुआ था.  अशफ़ाक और बिस्मिल दोनों का जन्म भले ही अलग अलग धर्म में हुआ था लेकिन दोनों के बीच समानता देखकर लगता है कि दोनों में एक आत्मा ही बसी है.

रामप्रसाद और अशफ़ाक दोनों को ही लिखने का बहुत शौक था. किताबें , लेख लिखने के साथ साथ उन दोनों ने आज़ादी की लड़ाई के समय बहुत सी शायरी और गीत भी लिखे थे.

अशफ़ाकउल्ला खान, हसरत नाम से और राम प्रसाद , बिस्मिल उपनाम से लिखा करते थे.

सरफरोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है, देखना है जोर कितना बाजू ए कातिल में है

आज भी इस शायरी का असर वैसा ही है जैसा आज़ादी की लड़ाई के समय था. अशफ़ाक और बिस्मिल ने बहुत सारी क्रांतिकारी गतिविधियों में साथ हिस्सा लिया था.

काकोरी कांड के बाद बिस्मिल और अशफ़ाक पकडे गए थे. इन दोनों की बहादुरी और कारनामों के बहुत से किस्से है लेकिन इन सबसे ऊपर है इन दोनों की दोस्ती का किस्सा.

चौरी चौरा कांड के बाद महात्मा गांधी ने आन्दोलन वापस ले लिए था. आज़ादी के इतने करीब जाकर रुक जाना अशफ़ाक और उनके जैसे बहुत से युवाओं को नागवार गुजरा.

अशफाक भी उन लोगों में से थे जो हर कीमत पर आज़ादी चाहते थे. ऐसे में अशफ़ाक की मुलाकात उनके ही शहर के, उनके हमउम्र प्रसिद्द क्रांतिकारी रामप्रसाद बिस्मिल से हुई.

राम प्रसाद पर आर्य समाज का प्रभाव था और वो धर्म, जाती आदि में विश्वास नहीं रखते थे. किस भी धर्म या जाती के प्रति उनके मन में कोई भेदभाव नहीं था. जब अशफाकउल्ला खान बिस्मिल से पहली बार मिले तो उनकी यही बात अशफाक के दिल को छु गयी.

उस समय के बाद से ये दोनों हमेशा साथ रहे. दोनों ने साथ साथ अंग्रेजों के विरुद्ध कितनी ही घटनाओं मको अंजाम देने का काम किया. चंद्रशेखर आजाद की अगुआई में काकोरी में ब्रितानी हुकूमत का खज़ाना लूटा. जो उस समय खुद को मज़बूत समझने वाली अंग्रेजी हुकूमत के मुंह पर एक करारा तमाचा था.

काकोरी कांड के आरे में अँगरेज़ पुलिस कुछ भी पता नहीं कर पायी. उसके बाद इस मामले की जांच दुनिया के सबसे प्रसिद्द पुलिस स्कॉटलैंड यार्ड को दी गयी.

बिस्मिल और अशफ़ाक पकडे गए. 18 महीने तक मामला चलता रहा उसके बाद काकोरी कांड के अभियुक्तों को फंसी की सजा दी गयी. 19 दिसम्बर 1927 के उस काले दिन को बिस्मिल को गोरखपुर में और अशफ़ाकउल्ला खान को फैजाबाद में फांसी पर चढ़ाया गया.

जेल में रहते हुए भी राम प्रसाद बिस्मिल और अशफाकउल्ला खान ने बहुत से लेख, पुस्तकें और कवितायेँ लिखी.

आज अशफाक़उल्ला और बिस्मिल नहीं है पर भारत की आज़ादी के संघर्ष में उनकी शहादत,उनके गीत और हिन्दू-मुस्लमान के भेद को मिटाने वाली दोस्ती की दास्तान स्वर्णाक्षरों में लिखी गयी है.

“किये थे काम हमने भी जो कुछ भी हमसे बन पाये,ये बातें तब की हैं आज़ाद थे और था शबाब अपना;
मगर अब तो जो कुछ भी हैं उम्मीदें बस वो तुमसे हैं,जबाँ तुम हो लबे-बाम आ चुका है आफताब अपना.”

-अशफाक़उल्ला खान

Yogesh Pareek

Writer, wanderer , crazy movie buff, insane reader, lost soul and master of sarcasm.. Spiritual but not religious. worship Stanley Kubrick . in short A Mad in the Bad World.

Share
Published by
Yogesh Pareek

Recent Posts

इंडियन प्रीमियर लीग 2023 में आरसीबी के जीतने की संभावनाएं

इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) दुनिया में सबसे लोकप्रिय टी20 क्रिकेट लीग में से एक है,…

2 months ago

छोटी सोच व पैरो की मोच कभी आगे बढ़ने नही देती।

दुनिया मे सबसे ताकतवर चीज है हमारी सोच ! हम अपनी लाइफ में जैसा सोचते…

3 years ago

Solar Eclipse- Surya Grahan 2020, सूर्य ग्रहण 2020- Youngisthan

सूर्य ग्रहण 2020- सूर्य ग्रहण कब है, सूर्य ग्रहण कब लगेगा, आज सूर्य ग्रहण कितने…

3 years ago

कोरोना के लॉक डाउन में क्या है शराबियों का हाल?

कोरोना महामारी के कारण देश के देश बर्बाद हो रही हैं, इंडस्ट्रीज ठप पड़ी हुई…

3 years ago

क्या कोरोना की वजह से घट जाएगी आपकी सैलरी

दुनियाभर के 200 देश आज कोरोना संकट से जूंझ रहे हैं, इस बिमारी का असर…

3 years ago

संजय गांधी की मौत के पीछे की सच्चाई जानकर पैरों के नीचे से ज़मीन खिसक जाएगी आपकी…

वैसे तो गांधी परिवार पूरे विश्व मे प्रसिद्ध है और उस परिवार के हर सदस्य…

3 years ago