हैंडराइटिंग पढ़ने की कला को करियर बनाइये और अपनी तकदीर चमकाइये
कहते हैं कि किसी भी इंसान की लिखावट में उसका व्यक्तित्व छुपा होता है. लिखावट यानी हैंडराइटिंग पढ़ने और इसके ज़रिए व्यक्तित्व को समझने की पढ़ाई को ग्राफोलॉजी कहते हैं.
ग्राफोलॉजी एक ऐसी टेक्निक है जिसमें इस क्षेत्र के एक्सपर्ट लोगों की लिखावट के आधार पर उनके व्यक्तित्व और कार्यशौली का पता लगा सकते हैं. इसी आधार पर लोगों के भावनात्मक स्तर, कमजोरी, मजबूती, पसंद और नापंसदी का भी पता चलता है.
आज की इस भागदौड़ भरी लाइफ में लोग इतने बिजी हो चुके हैं कि उन्हें छोटी-छोटी बातों में भी बड़ी परेशानियों का सामना करना पड़ता है जैसे अत्यधिक काम के दबाव से तनाव, अवसाद और नींद की कमी आदि.
ऐसी ही रोज़मर्रा की समस्यायों को हल करने के लिए व्यक्ति को पता चले बगैर ग्राफोलॉजी द्वारा परिस्थितियों का पता लगाकर उसका इलाज संभव हो पाता है.
अगर आपको भी दूसरों की हैंडराइटिंग पढ़कर उनके व्यक्तित्व और उनकी कार्यशैली को जानने का शौक है तो आप इस शौक को अपना पेशा बना सकते हैं.
ग्राफोलॉजिस्ट बनने के लिए जरूरी बातें
इसकी पढ़ाई के लिए किसी शैक्षणिक योग्यता से ज़्यादा ज़रूरी है इस विषय में रुचि होना. अलग-अलग लोगों के बारे में जानकारी हांसिल करने और उनके व्यक्तित्व को जानने का शौक इस विषय की पढ़ाई के लिए सबसे जरूरी माना जाता है.
ग्राफोलॉजी एक्सपर्ट किसी इंसान के हस्ताक्षर, लिखने का अंदाज, शब्दों के बीच के गैप और झुकाव के पैटर्न की स्टडी करते हैं. ग्राफोलॉजी में व्यक्ति का मनोवैज्ञानिक विश्लेषण करना सिखाया जाता है.
इन दिनों इसका सबसे बेहतर इस्तेमाल व्यक्ति का चरित्र सुधारने के लिए हो रहा है जिसे ग्राफोथेरेपी कहते हैं. इसके तहत व्यक्ति के लिखावट का तरीका बदलकर उसकी पर्सनालिटी में भी बदलाव लाया जाता है.
यह इस कोर्स का अहम हिस्सा होता है. इसके अलावा इन क्षेत्रों में हाथ आजमाने की इच्छा रखनेवाले को इसके लिए मानसिक तौर से तैयार रहना होता है.
इन संस्थानों से करें यह कोर्स ?
वैसे हमारे देश में कई ऐसे संस्थान हैं जहां ग्राफोलॉजी में डिग्री-डिप्लोमा कोर्स कराए जाते हैं.
– विशाखापट्टनम के हैंडराइटिंग एनालिस्ट ऑफ इंडिया को देश के बेहतरीन संस्थानों में से एक माना जाता है.
– कोलकाता के ग्राफोलॉजी संस्थान और एजुकेशन व डेवलपमेंट प्रोग्राम से यह कोर्स किया जा सकता है.
– मुंबई स्थित अंतर्राष्ट्रीय ग्राफोलॉजी रिसर्च सेंटर में ग्राफोलॉजी कोर्स की सुविधा उपलब्ध है.
– दिल्ली स्थित ग्राफोलॉजी इंडिया डॉट कॉम में इस विषय में शॉर्ट और लॉन्ग टर्म कोर्स कराए जाते हैं.
– बेंगलुरू में कई कॉलेज और इंस्टीट्यूट मौजूद हैं जहां से ग्राफोलॉजी में शार्ट-टर्म कोर्स किए जा सकते हैं.
कोर्स के बाद करियर ऑप्शन
– ग्राफोलॉजी को आज यंग जनरेशन कई तौर-तरीकों से अपना रही है. इसके एक्सपर्ट्स की जरूरत हर बड़ी कंपनियों में पड़ने लगी है.
– कॉर्पोरेट घराने और कंसंलटेंट सर्विस अपने यहां ग्राफोलॉजिस्ट हायर करती हैं ताकि वे अपने यहां सुलझे लोगों को नौकरी पर रख सकें.
– फोरेंसिक जांच के लिए भी अलग-अलग संगठन ग्राफोलॉजी एक्सपर्ट्स को हायर करती हैं ताकि वे क्रिमिनल केस सुलझाने में इनकी मदद ले सकें.
– कोर्ट और पुलिस महकमा भी केस की उलझी कड़ियों को सुलझाने के लिए समय-समय पर ग्राफोलॉजिस्ट की मदद लेता रहता है.
– कई बार सही-गलत हस्ताक्षर और हैंडराइटिंग को पहचानने के लिए ग्राफोलॉजिस्ट की मदद ली जाती है. इसके अलावा कई स्कूलों को भी इनकी जरूरत पड़ती है.
कितना कमा सकते हैं ग्राफोलॉजिस्ट
किसी भी ग्राफोलॉजिस्ट की कमाई उसके स्किल और कार्यक्षमता पर निर्भर करता है. एक अच्छा ग्राफोलॉजिस्ट घंटे के 1000 रुपये भी कमा सकता है.
इसमें फ्रीलांस करनेवाले 25 हज़ार रुपये महीने कमा सकते हैं जबकि किसी एजेंसी के साथ जुड़ने पर ग्राफोलॉजी एक्सपर्ट 40 हज़ार रुपये हर महीने कमा सकता है.
बहरहाल सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि पश्चिमी देशों में ग्राफोलॉजी मनोविज्ञान के तहद आनेवाले एक विषय के रुप में उभर रहा है. ऐसे में इस कोर्स को करने के बाद आप देश ही नहीं विदेशों में भी रोजगार की संभावनाएं तलाश सकते हैं.