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केंद्र सरकार खरीदेगी किसानों से अब अनाज

पीएम-आशा

पीएम-आशा – किसानों की हालत इंडिया में बहुत खराब है।

वे भारत से आते हैं और उनकी जगह इंडिया में नहीं आते इसलिए उनकी कोई फिक्र नहीं है। सैकड़ों किसान देश में हर साल आत्महत्या कर रहे हैं। हड़ताल कर रहे हैं। लेकिन उन पर किसी का ध्यान नहीं जा रहा है। वे कभी समाचारों में नहीं आते हैं। सोशल मीडिया में उनकी बात नहीं होती।

खैर, इसके बारे में बाद में बात होगी। वैसे भी इस पर बात कर कोई फायदा नहीं।

पीएम-आशा

सरकार ने दिया ध्यान

किसानों की तरफ सरकार ने अब ध्यान दिया है। हर साल किसानों के कई टन अनाज बरबाद हो जाते थे जिसके कारण उनके पास कर्ज चुकाने के लिए पैसे नहीं होते थे और उन्हें आत्महत्या करना पड़ता था। सरकार का ध्यान अब किसानों की तरफ गया है और सरकार ने किसानों से अनाज खरीदने की योजना बनाई है।

पीएम-आशा

पीएम-आशा को मिली मंज़ूरी

सरकार ने ‘प्रधानमंत्री अन्नदाता आय संरक्षण अभियान’ मतलब की पीएम-आशा को मंजूरी दी है। सरकार की किसानों की तरफ ध्यान देने के लिए यह योजना शुरू की है। किसानों को उनकी फसलों का कभी भी पूरा पैसा नहीं मिलता है जिसके कारण उन पर कर्ज को बोझ बढ़ते जा रहा है। इस कर्ज को उतारने के लिए सरकार ने ही पीएम-आशा योजना शुरू की है। इस योजना से किसानों के उनकी फसलों के लाभकारी दाम मिलेंगे।

पीएम-आशा

किसानों के लिए केंद्र सरकार ने बुधवार को ‘प्रधानमंत्री अन्नदाता आय संरक्षण अभियान’ को मंजूरी दे दी है। इसके बाद राज्य सरकारों के पास ऑप्शन होगा कि वे किसानों की फसलों के लिए एमएसपी से नीचे जाने पर कीमतें व किसानों के संरक्षण के लिए विभिन्न योजनाओं में से कौन सी योजना चुनते हैँ। यह किसानों की आय के संरक्षण की दिशा में भारत सरकार द्वारा उठाया गया एक असाधारण कदम है जिससे किसानों के कल्याण हेतु किये जाने वाले कार्यों में अत्यधिक सफलता मिलने की आशा है।

पीएम-आशा

सशक्त बनेंगे किसान

इस योजना से किसान सशक्त बनेंगे और उन्हें उनकी फसक को सही मोल मिल जाएगा और साहुकारों के कर्ज के चंगुल में नहीं फंसेंगे।

साहुकारों से लेते हैं उधार

आपको मालूम ही होगा कि किसान अपने खेत में फसल उगाने के लिए जो बीज खरीदते हैं उसके लिए वे पैसे साहुकार से उधार लेते हैं। साहुकार बहुत अधिक ब्याज पर उन्हें ये कर्ज देते हैं। जब तक फसल पूरी तरह से खेत में उगती है उनका कर्ज बढ़ जाता है। ऐसे में जब फसलों के सही दाम नहीं मिलते हैं तो किसान साहुकार के कर्ज के चंगुल में फंस जाते हैं। जिसके कारण कई किसान आत्महत्या बी कर लेते हैं।
पिछले कुछ सालों से किसानों की आत्महत्या करने की संख्या बढ़ रह थी। जिसके कारण विदेशों में भी भारत के बारे में गलत पहचान बन रही थी। विदेशों में अपनी पहचना को पॉजीटिव बनाने और किसानों की दशा सुधारने के लिए सरकार ने पीएम-आशा योजना शुरू की है।

है अम्ब्रेला योजना

यह एक अम्ब्रेला योजना है जिसमें की तीन योजनाएं शामिल हैं। मूल्य समर्थन योजना, मूल्य न्यूनता भुगतना योजना और निजी खरीद व स्टॉकिस्ट पायलट योजना पीएम-आशा के अंदर आती है।

उम्मीद करते हैं कि इन योजनाओं से किसानों को आने वाले सालों में फायदा होगा। लेकिन फिर भी सरकार को धन्यवाद कि उन्होंने किसानों की तरफ ध्यान दिया।

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