अवार्ड्स किसको अच्छे नहीं लगते हैं.
सभी उम्मीद करते हैं कि हमको, हमारे काम के लिए पुरस्कार मिले. वैसे अवार्ड्स का मजा तो फ़िल्मी दुनिया के किरदारों को ही सबसे ज्यादा आता है.
साल में कितने सारे इस तरह के कार्यक्रम होते हैं, जहाँ पर फ़िल्मी दुनिया को सराहा जाता है. किसका परफॉरमेंस कैसा रहा, कौन अव्वल आया, कौन अच्छा एक्टर रहा या एक्ट्रेस रही, आदि यह सब हम देखते हैं.
अब जानिये बॉलीवुड के एक अनोखे अवार्ड के बारें में.
इसका नाम है गोल्डन केला अवार्ड्स. आज तक हमने देखा है कि अच्छी फिल्मों को तो सभी सराहते हैं. लेकिन यहाँ अच्छे को नहीं, सबसे खराब परफॉरमेंस को अवार्ड के जरिये पेश किया जाता है.
बॉलीवुड में गोल्डन केला अवार्ड्स का यह 7 वां साल है. अभी तक इसने हिंदी सिनेमा को आईना दिखाने का काम बहुत ही सही तरीके से किया है. इस अवार्ड से सबको यह तो पता चल ही जाता है कि हमारी फिल्म किस तरह की रही.
अगर आपकी परफॉरमेंस सही नहीं रहती है, तो आप अगली बार, अच्छा करके, यहाँ से अपना नाम हटवा भी सकते हो. यहाँ पर विजेताओं का चुनाव एक ऑनलाइन सर्वेक्षण के आधार पर किया जाता है.
आइये देखते हैं, इस बार के अवार्ड में किसको क्या हासिल हुआ है.
आप अगर सोनाक्षी सिन्हा को पसंद करते हैं तो आपको जानकार दुःख होगा कि लगातार तीसरे साल इनको सबसे खराब एक्ट्रेस का अवार्ड मिला है.
एक्शन जैक्सन, लिंगा और हॉलिडे फिल्मों में इनकी अदाकारी को फ्लाप घोषित किया गया है. वहीँ सबसे खराब एक्टर रहे अर्जुन कपूर. इसी क्रम में बॉलीवुड की खराब फिल्म का अवार्ड गया, हमशकल्स पर.
गोल्डन केला अवार्ड लिस्ट
सबसे खराब फिल्म: हमशकल्स
सबसे ज्यादा कंट्रोवर्शियल फिल्म: पीके
सबसे खराब डायरेक्टर: प्रभु देवा (एक्शन जैक्सन)
सबसे खराब एक्टर : अर्जुन कपूर (गुंडे और अन्य सभी फिल्मों के लिए)
सबसे खराब एक्ट्रेस: सोनाक्षी सिन्हा (एक्शन जैक्सन, लिंगा और हॉलिडे)
सबसे खराब डेब्यू: टाइगर श्राफ (हीरोपंती)
सबसे खराब डायरेक्टर: प्रभु देवा (एक्शन जैक्सन)
सबसे खराब गाना: ब्लू है पानी पानी (यो यो हनी सिंह फिल्म यारियां)
सबसे खराब लिरिक्स: आईसक्रीम (शब्बीर अहमद फिल्म एक्सपोज)
‘बावरा हो गया है के’ अवॉर्ड: अभिषेक शर्मा (शौकीन्स)
सबसे खराब रीमेक का रामगोपाल वर्मा की आग अवॉर्ड: बैंग-बैंग
वाई आर यू स्टिल ट्राइंग अवॉर्ड: सोनम कपूर
बस कीजिए, बहुत हो गया अवॉर्ड: यो यो हनी सिंह
महिलाओं का खराब चित्रण के लिए शक्तिकपूर अवॉर्ड: एक्शन जैक्सन
सबसे खराब लहजे का दारा सिंह अवॉर्ड: प्रियंका चोपड़ा
एलियन की तरह दिखने का जादू अवॉर्ड: शाहरुख खान (हैपी न्यू अवॉर्ड)
इस तरह से सन 2007 में शुरू किया गया यह गोल्डन केला अवार्ड्स, अभी तक तो सही से अपना काम कर रहा है. बॉलीवुड को भी ध्यान देना होगा कि मात्र फिल्मों से पैसा कमाना ही सिनेमा का मकसद नहीं होता है. सिनेमा समाज का दर्पण होता है.
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