चड्डी-बनियान में ऑफिस! कौन जाना चाहता है?

चड्डी-बनियान में ऑफिस

बड़ा मज़ा आ रहा है ना सोच कर कि सुबह-सुबह उठकर यह सोचने से छुट्टी मिल रही है कि “आज ऑफ़िस क्या पहन कर जाएँ”?

सही है दोस्त, मज़ा ले लो लेकिन अभी यह मज़े सबके लिए नहीं हैं!

सिर्फ़ कुछ ही लोग इसका आनंद ले पा रहे हैं लेकिन इतना तय है कि आने वाले दिनों में चड्डी-बनियान की बिक्री बढ़ने वाली है!

मज़ाक की बात अलग हुई, आओ बताता हूँ कि कैसे बदल रही है काम करने की दुनिया, और वहाँ पहनने-ओढ़ने के ढँग!

आम तौर पर लोग ऑफ़िस या तो सूट-बूट पहन कर जाते हैं या कम से कम शर्ट और पैंट तो पहन ही लेते हैं और लड़कियाँ सूट या साड़ी में ही नज़र आती हैं| लेकिन नयी-नयी कंपनियाँ या जिसे हम स्टार्ट-अप कहते हैं, यहाँ कोई ड्रेस कोड नहीं होता! जवान लड़के-लड़कियों द्वारा खोली गयी यह कंपनियाँ इस बात पर ज़्यादा ध्यान देती हैं कि काम होना चाहिए, कर्मचारी क्या पहन कर काम करते हैं, इस से उन्हें कोई मतलब नहीं है|

बस इसीलिए आप ऐसे किसी ऑफ़िस में चले जाएँ तो लगेगा जैसे किसी कॉलेज में पहुँच गए हैं या किसी के ड्राइंग रूम में|

कुर्सी-मेज़ की जगह बीन बैग्स होंगे, कोई ज़मीन पर बैठ के काम कर रहा होगा तो कोई फोल्डिंग टेबल पर बैठ के लैपटॉप पर लगा होगा! कपड़ों को मामले में किसी ने रंगीन गंजी पहनी होगी और साथ में होगी पैंट और निक्कर के बीच की कोई चीज़, तो कोई टी-शर्ट के साथ जीन्स को काट कर बनाई हुई चड्डी जितनी बड़ी निक्कर पहने मिलेगा!

यह समझ पाना मुश्किल हो जाता है कि क्या यह कंपनी इन लोगों को तनख़्वाह अच्छी नहीं देती या ऐसे कपडे पहन कर ही यह लोग ठीक से काम कर पाते हैं! खैर जो भी हो, जब तक काम ठीक से हो रहा है, क्या फ़र्क पड़ता है, है ना? यूथ की सोच वैसे भी बहुत अलग है और उसी के अनुसार काम करने के नए नियम अपनाये जा रहे हैं|

वैसे भी दिनों दिन घर से काम करने वाले लोगों की तादाद बढ़ती जा रही है| हफ़्ते-पंद्रह दिन में एक बार ऑफ़िस जाना होता है वरना सारा काम घर से ही हो जाता है| अब जायज़ सी बात है कि घर पर तो कोई सूट-बूट पहन कर काम करेगा नहीं, क्यों?

खुले विचारों के लड़के-लड़कियाँ जो एक दूसरे के तन पर इतने कम कपड़ों को भी देख लार नहीं टपकाते, उन्हें ही नौकरी पर रखा जाता है| और ज़रूरी भी है वरना ऑफ़िस में काम कम होगा, बाकी सब कुछ ज़्यादा!

तो अगर आपको भी ऐसे किसी स्टार्ट-अप का हिस्सा बनना है तो सोच खुली कीजिये, क्रिएटिविटी ढेर सारी रखिये, 24 घंटे मेहनत करने के लिए तैयार रहिये और सबसे ज़रूरी, रंगीन और स्टाइलिश चड्डी-बनियान थोक के भाव में इकट्ठे करिये! आख़िर बदल-बदल कर पहनेंगे, तभी तो लगेगा आज के ज़माने के हैं!

Nitish Bakshi

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