गोदरेज कंपनी – पाकिस्तान में इमरान खान को प्रधानमंत्री बनाने की तैयारियां चल रही हैं, 11 अगस्त को वो शपथ लेंगे.
हालांकि इस बीच पाकिस्तान की विपक्षी पार्टियां इमरान का रास्ता रोकने के लिए एकसाथ आ गई हैं, मगर इमरान को बहुमत के लिए सिर्फ 18 सीटें ही चाहिए और उम्मीद जताई जा रही है कि वो उसे हासिल कर लेंगे. खैर वो प्रधानमंत्री बनते है या नहीं ये तो 11 अगस्त को पता चल ही जाएगा, फिलहाल हम आपको बताने जा रहे हैं इमरान खान के उस विज्ञापन के बारे में जो कभी बहुत पॉप्युलर हुआ था.
इमरान खान पाकिस्तान के मशहूर क्रिकेट खिलाड़ी रह चुके हैं और पाकिस्तान के साथ ही पूरी दुनिया में उनके फैंस थें. 1980 के दशक में जब वो क्रिकेट जगत का चमकता सितारा हुआ करते थे, उस दौरान कई भारतीय विज्ञापन में भी इमरान नज़र आ चुके हैं. खासतौर पर सिन्थॉल साबुन के विज्ञापन में. पाकिस्तान में 1982-83 में एक सीरीज में भारतीय टीम पड़ोसी देश में क्रिकेट खेलने गई थी.
यह 6 टेस्ट की सीरीज थी. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक दूरदर्शन पर इस मैच का प्रसारण होना तय हुआ था वह भी ब्लैक एंड व्हाइट में. उस दशक में गोदरेज समूह ने सिन्थॉल साबुन बाजार में उतारा था.
गोदरेज कंपनी अपने विज्ञापन के लिए ऐसे चेहरे की तलाश में थी जो युवाओं को आकर्षित कर सके.
गोदरेज कंपनी साबुन के विज्ञापन के ऐसे इंसान से कराना चाहती थी जिसका यूथ कनेक्ट हो. ऐसे में उन्हें इमरान खान बेहतर विकल्प लगे, वो गुड लुकिंग तो थे ही उनकी पर्सनैलिटी से युवा भी खासे आकर्षित थे और महिलाओ के बीच भी वो बहुत लोकप्रिय थे, इसलिए गोदरेज ने विज्ञापन के लिए किसी भारतीय खिलाड़ी की बजाय इमरान को चुना.
यही नहीं अखबारों में भी उनके विज्ञापन छपे. वह थम्स अप के ऐड में भी दिखाई दिए. वह पूर्व भारतीय कप्तान सुनील गावस्कर के साथ पेप्सी और एक चाय ब्रांड के विज्ञापन में भी इमरान नजर आए थे.
प्रधानमंत्री बनने के बाद इमरान खान के भारत से रिश्ते कैसे रहेंगे ये तो पता नहीं, मगर बतौर खिलाड़ी उनका भारत से अच्छा रिश्ता रहा है. भारतीय खिलाड़ियों के साथ ही बॉलीवुड सितारों के साथ भी उनके संबंध अच्छे थे.
अमिताभ बच्चन के साथ इमरान खान एक वीडियो वायरल हुआ जिसमें दोनों मशहूर सूफी गायक नुसरत फतेह अली खान के सूफी गानों का आनंद ले रहे हैं. 80 के दशक में अमिताभ से इमरान की मुलाकात शौकत खानुम मेमोरियल ट्रस्ट के फंडरेजर इवेंट के दौरान हुई थी.
चुनाव जीतने के बाद तो इमरान ने अपने भाषण में भारत से संबंध सुधारने की बात कही है, मगर जिस तरह से उनके सेना और आतंकियों के प्रति उनका रुख नरम रहा है, उससे इस बात की उम्मीद कम ही नज़र आती है कि भारत-पाकिस्तान की बरसों पुरानी दुश्मनी खत्म होगी.