Categories: विशेष

मंदिर में चोरी करना पाप नहीं महापाप है, लेकिन इस मंदिर में चोरी करने पर पूरी होती है मन्नत!

चोरी करना एक अपराध माना जाता है.  ज़रा सोचिये अगर वो चोरी मंदिर में हो तो?

मंदिर में चोरी तो महापाप है. जहाँ लोग ईश्वर की पूजा उपासना करते है उस स्थान पर कोई चोरी कैसे कर सकता है.

ऐसा कर्म करने वाले को तो इस लोक में क्या परलोक में भी सजा मिलती है.

ये सब बातें तो आप और हम दोनों ही जानते है, अब अगर ये कहा जाए कि एक जगह ऐसी भी है जहाँ चोरी करने पर सजा नहीं मिलती वहां तो चोरी करने पर होती है मनोकामना पूरी.

आइये जानते है इस अनोखी जगह के बारे में 

उत्तराखंड को भारत की देवभूमि कहा जाता है. यहाँ तरह तरह के देव स्थान है.

कुछ स्थान तो ऐसे है जहाँ लगता है कि भगवान् स्वयं उपस्थित है. उत्तराखंड में देवी का एक ऐसा मंदिर है जिसके बारे में कहा जाता है कि इस मंदिर में पूजा करने से और चोरी करने से मनोकामना पूरी होती है.

जी हाँ ये एकदम सच है. हर वर्ष हजारों की संख्या में लोग इस मंदिर में चोरी करते है अपनी मनोकामना पूरी करने के लिए. ये चोरी की जाती है सबकी नज़रों के सामने.

चूड़ामणि देवी के मंदिर में संतानविहीन लोग विशेष रूप से दर्शन करने आते है.

इस मंदिर की मान्यता है कि यदि संतान की इच्छा  रखने वाली महिला पूजा के बाद देवी के चरणों में रखा लकड़ी का गुड्डा चुराकर अपने साथ ले जाए तो उसे संतान की प्राप्ति होती है.

इसी कारण यहाँ आने वाली महिलाएं पूजा के बाद लकड़ी का गुड्डा चुराकर अपने साथ ले जाती है .

पुत्र प्राप्ति के बाद परिवार को अपने पुत्र के साथ फिर से मंदिर में माथा टेकने आना होता है और साथ में एक नया लकड़ी का गुड्डा चूड़ामणि माता को चढ़ाना होता है.

कहा जाता है कि इस मंदिर का निर्माण 18 वीं सदी में एक राजा ने करवाया था. एक बार शिकार खेलने गए राजा जब विश्राम कर रहे थे तो उन्हें देवी के पिंडी रूप में दर्शन हुए. जब उनकी नींद खुली तो उन्होंने उस स्थान पर देवी की पिंडी देखि. देवी का आदेश मानकर उस स्थान पर राजा ने भव्य मंदिर का निर्माण करवाया.

इस मंदिर से जुडी एक और कथा भी है जो शिव और सती से जुडी है.

इस कथा के अनुसार जब दक्ष के यज्ञ कुंड में कूद कर सती ने अपने प्राण त्याग दिए थे शिव क्रोधित होकर उनके शरीर के साथ सृष्टि का अंत करने निकल गए थे.

ऐसे में विष्णु ने शिव का क्रोध शांत करने के लिए सती के शरीर को सुदर्शन चक्र की सहायता से कई टुकड़ों में बाँट दिया. जिस जिस स्थल पर देवी के कटे अंग गिरे थे वहां एक शक्ति पीठ की स्थापना की गयी.

कहा जाता है कि चूड़ामणि देवी मंदिर के स्थान पर सती के हाथ के कंगन गिरे थे. इसलिए इस मंदिर को चूड़ामणि माता के नाम से जाना जाता है.

हर वर्ष नवरात्री के मौके पर यहाँ मेला लगता है और देश भर से लाखों की तादाद में श्रद्धालु अपनी मनोकामना पूरी करने आते है और अपने साथ चोरी का गुड्डा लेकर जाते है.

Yogesh Pareek

Writer, wanderer , crazy movie buff, insane reader, lost soul and master of sarcasm.. Spiritual but not religious. worship Stanley Kubrick . in short A Mad in the Bad World.

Share
Published by
Yogesh Pareek

Recent Posts

दिल्ली दंगे: कांग्रेस की पूर्व पार्षद इशरत जहां दंगे वाली जगह खजूरी ख़ास में आखिर क्या कर रही थीं?

दिल्ली हिंसा में अभी तक 42 लोग अपनी जान गवा चुके हैं 300 से ज्यादा…

5 years ago

नयी भाषा सिखने के ५ सरल तरीके बजट में बना सकते है अगली यात्रा स्वर्णीय

किसी तरह की विदेश यात्रा किसी भी व्यक्ति के लिए बहुत शोभायमान होता हैI विशेषकर…

5 years ago

सेल्फी लेने की आदत को कह देंगे अलविदा, जब जानेंगे इसकी साइड इफेक्ट्स !

आज कल सेल्फी लेने का ट्रेंड काफी ज़ोरों पर है. अगर आप भी सेल्फी लेने…

6 years ago

शादी के बाद इन बातों को किया नज़रअंदाज़, तो हो जाएंगे मोटापे के शिकार !

मोटापा किसी को भी अच्छा नहीं लगता... लेकिन अक्सर यह देखा जाता है कि शादी…

6 years ago