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इस चमत्कारिक मंदिर में देवी माता की मूर्ति एक दिन में तीन बार अपना रूप बदलती है !

धारी माता

भारत रहस्यमयी और चमत्कारिक मंदिरों का देश है.

भारत के हर क्षेत्र में एक प्राचीन मंदिर है और उससे जुड़े कई रहस्य व चमत्कार की बाते ,किस्से व  कहानियाँ लोगो से सुनने को मिलती है.

आज हम बात करेंगे एक ऐसे ही चमत्कारिक मंदिर के बारे में, जहाँ देवी की मूर्ति एक दिन में तीन बार अपना रूप बदलती है.

तो आइए जानते हैं कहाँ है यह मंदिर –

  • यह  चमत्कारिक  मंदिर धारी माता का है, जो भारत में बद्रीनाथ व केदारनाथ मार्ग में लगभग  15 किमी दूर अलकनंदा नदी के तट पर स्थित है.
  • यहाँ धारी माता की मूर्ति एक दिन में तीन बार अपना  रूप बदलती हैं.
  • ये मान्यता है कि धारी माता को उत्तराखंड क्षेत्र की  रक्षक  मानी जाती है और इस सिद्धपीठ में हर रोज अनेक चमत्कार और अद्भूत घटनाएं होने की बात कही जाती है.
  • इसी जगह पर महाकवि कालिदास को माता काली की कृपा और ज्ञान प्राप्त हुआ था.
  •  इस शक्ति पीठ  को प्राचीन समय में  कालीमठ के नाम से पुकारा जाता था और  इसका वर्णन पुराणों में भी किया गया है.
  •  मान्यताओं के अनुसार कालीमठ के मंदिर में स्थापित  मूर्ति का सिर वाला उपरी हिस्सा  बाढ़ के कारण अलकनंदा नदी में बहते हुए धारी  नामक गांव  में चला आया था.
  • इस  गांव में रहने वाले निवासी और धुनार जाति को यह  सिर वाला हिस्सा मिला, जिसको इन लोगो ने पास स्थित एक  ऊंची चट्टान पर रखकर  स्थापित कर दिया.
  • धारी गाँव में देवी की स्थापना होने से इस देवी को धारी माता के नाम से पुकारा जाता है.
  • अलकनंदा नदी में  जल-विद्ययुत परियोजना निर्माण के कारण धारी माता की मूर्ति को इस मंदिर के पुजारी द्वारा नदी के  ऊपर दूसरा  मंदिर बनवाकर स्थापित करा  दिया गया .

कथा मान्यता और लोगो की बातों में सच क्या है ये बता पाना असंभव है लेकिन माता की मूर्ति का रूप बदलना और मंदिर में चमत्कारों का होना सत्य है.