बैकग्राउंड डांसर्स – तेनु काला चश्मा जचदा ऐ…… गजब का गाना है ना। सुनते ही पैर थिरकने लगते हैं।
इसलिए तो आज भी पार्टी के डीजे में इसे बजा दिया जाता है। इस पर कैटरीना कैफ ने डांस किया था। कैटरीना कैफ और सिद्धार्थ मल्होत्रा के बारे में तो आपको मालूम ही होगा। लेकिन पीछे बैकग्राउंड में जो आर्टिस्ट डांस कर रहे थे उनमें से किसी का नाम आपको मालूम है?
नहीं ना। मुझे भी नहीं।
फिल्मों में जो गाने थे उनके बोल और एक्टर्स द्वारा किया गया डांस हर कोई फॉलो करता है। लेकिन क्या आपने कभी इन एक्टर्स के पीछे डांस कर रहे उन लोगों को फॉलो किया है जो एक्टर्स के साथ डांस करते हैं और पीछे स्टेज की चमक बढ़ाने में उतने ही सहायक होते हैं जितने की फिल्म के मुख्य एक्टर्स। लेकिन फिर भी हमारा ध्यान उनकी तरफ नहीं जाता है।
ऐसा क्यों?
क्योंकि हम भी केवल चमक देखते हैं। चाहे वो पैसे की चमक हो या फिर शक्ल की।
म्यूज़िक वीडियोज़, आइटम नंबर्स, फिल्मों की जान होते हैं और इन डांस नंबर्स की रीढ़ होते हैं बैकअप डांसर्स। भले ही पूरे डांस में मुख्य एक्टर्स पर ही हमारा ध्यान रहता है लेकिन अगर ये बैकग्राउंड डांसर्स स्टेज को पूरी तरह से भरेंगे नहीं तो इन डांस नंबर्स में उतनी जान नहीं आएगी। लेकिन ज्यादातर बैकग्राउंड डांसर्स ग़ुमनामी में ही अपना जीवन बिताते हैं (शाहिद कपूर और रेमो इस मामले में एक अपवाद हैं)।
जब श्वेत हो बैकअप डांसर्स
यह तो हुई अपने देश के बैकग्राउंड डांसर्स की समस्या। लेकिन जब बैकअप डांसर्स श्वेत हो और वह अपना देश छोड़कर यहां नाम कमाने आया हो तो उसकी मुश्किल और अधिक बढ़ जाती है। पराया देश, पराये लोग … ऐसे में काम के लिए मायानगरी मुंबई में रहना जो कि बहुत महंगी भी है।
डीजिटल मीडिया वेबसाइट Mens XP ने एक विदेशी बैकग्राउंड डांसर्स, जैक के जीवन के पहलू को उजागर किया है. इस अंग्रेज़ी वेबसाइट को दिए साक्षात्कार में इंग्लैंड के बाशिंदे जैक ने बताया,
बॉलीवुड में 7 साल संघर्ष करने के बाद भी, मैं महीने का ख़र्च उठाने के लिए पे चेक पर ही निर्भर हूं।
भारत में आने का अनुभव भी बताया
जैक ने अपने दिए गए इंटरव्यू में भारत में आने के अनुभव के बारे में भी बताया, मैं एक बैकपैकिंग ट्रिप पर टूरिस्ट वीज़ा पर भारत आया था। 2 महीने तक देशभर में घूमने के बाद मुंबई लास्ट स्टॉप था। कॉलेज के दौरान कुछ मॉडलिंग जॉब्स की थी, जिससे घूमने लायक पैसे जमा हो गये थे। मुंबई में मेरी मुलाकात मेरी एक सीनियर रॉबिन से हुई जो शाहरुख के साथ दर्दे डिस्को पर डांस कर रही थी। रॉबिन ने मुझे बताया कि कुछ घंटे डांस करने के उसे पचास हजार मिलते हैं। तो मैंने भी यही करियर बनाने की सोची। लेकिन हमेशा सोच सही नहीं निकलती।
करने पड़ते हैं 14 घंटे काम
जैक अभी दो प्रोजेक्ट्स पर काम कर रहे हैं और इसके लिए उन्हें 14 घंटे काम करना पड़ता है। इसके बाद भी उनकी आय किसी फ़्रेशर जितनी ही है। जैक ने यह माना कि अब उन्हें डांसिंग से पहले जैसा लगाव नहीं रहा। फ़िल्मों में काम की कमी के कारण जैक विज्ञापन फ़िल्मों में भी काम करते हैं।
जैक के लिए सबसे ज्यादा समस्या की बात यह है कि अब बैकग्राउंड डांसर्स को डांस के साथ स्टंट्स भी करने पड़ते हैं जिसके कारण कई बार वे घायल भी हो जाते हैं जिसका इलाज कराने में काफी खर्चा आता है और इस दुर्घटना की जिम्मेदारी भी कोई नहीं लेता।
जब Mens XP ने पूछा कि जैक सब कुछ छोड़ कर घर क्यों नहीं चले जाते, तो इस पर जैक ने ये जवाब दिया, मेरे पास महीने का किराया देने के भी पैसे नहीं है। फ़्लाइट की टिकट तो दूर की बात है।
सच में ही फिल्म जगत की दुनिया बहुत काली है।
डिस्कलेमर- सभी पात्रों के नाम बदले हुए हैं।