आज की लडकियाँ – एक वक्त हुआ करता था जब हमारे समाज लड़कियों पर कई तरह की बंदिशें थी ।
लड़कियों को शिक्षा नहीं दी जाती थी । कम उम्र में शादी कराकर उन्हें उस रिश्तें में बाँध दिया जाता था ।
जिसका मतलब तक उन्हें नहीं पता होता था । उसी रिश्तें को निभाने में वो अपनी पूरी उम्र निकाल देते थे ।अगर यूं कहें कि पुराने वक्त में हमारे समाज में महिलाओं की अपनी एक अलग सोच नहीं हुआ करती थी। और शायद वो अपनी एक अलग सोच रखने की कोशिश भी करती होंगी तो उन्हें रखने नहीं दिया जाता था।
लेकिन अब वक्त बदल रहा है अब महिलाएँ न केवल अपनी एक अलग पहचान बनाना जानती है अपितु अपने अधिकारों के प्रति भी पूरी तरह जागरुक है । लेकिन हमारे समाज एक रुढिवादी सोच लंबे वक्त से चली आ रही है । जिसे अब महिलाएं चुनौती देने लगी है । हमेशा से हमारे घर परिवार में हमें सिर्फ यही सुने को मिलता है कि लड़की पराया धन है उसके एक दिन शादी कर के जाना ही है । जिस वजह से माता पिता हमेशा अपनी बेटी के लिए एक ऐसा लड़का ढ़ूंढने की कोशिश करते हैं जिसकी आर्थिक स्थिति मजबूत हो ।
ताकि उनकी बेटी को शादी के बाद किसी तरह की परेशानी न आए । लेकिन वो ये भुल जाते थे कि शादी में आर्थिक स्थिति के अलावा भी बहुत सी चीजें मयाने रखती है । जिनकी वजह से कई महिलाएं घरेलु हिंसा, दहेज उत्पीड़न का शिकार होती थी ।
ऐसा इसलिए भी क्योंकि लड़कियों को पहले इतनी सशक्त नहीं बनाया जाता था कि उसे अपने पति पर निर्भर रहने की जरुरत न पड़े । लड़कियों को केवल अच्छा खाना बनाना, सेवा करना आदि सिखाया जाता था । लेकिन अपने दम पर जिंदगी कैसे जीना है ये कोई नहीं बताता ।
लेकिन आज हमारे समाज की तस्वीर बदलने लगी है और ये तस्वीर बदली है आज की लडकियाँ जो अपने लिए एक अमीर हैंसबैंड ढूंढने की बजाय खुद अमीर बने की कोशिश करती है । बाल विवाह पर कानूनी रुप से रोक लग जाने के बाद भी अभी कुछ वक्त पहले तक लड़कियों की शादी 18 से 20 साल की उम्र तक करा दी जाती थी । लड़कियां भी अपने माता पिता की हां में हां मिलकर शादी कर लेती थी। लेकिन अब आज की लडकियाँ अपनी शादी से ज्यादा अपने करियर को अहमियत देने लगी है ।
और जब तक आज की लडकियाँ अपने करियर में वो मुकाम हासिल नहीं कर लेती जो वो चाहती है वो शादी के बारे में सोचना पसंद नहीं करती ।
करियर की ओर अग्रसर होने से आज के वक्त में लड़कियों को अपने जीवन निर्वाह के लिए किसी पर निर्भर नहीं करना पड़ता है । रिपोर्टस के मुताबिक अब ज्यादातर लड़कियां कम से कम 24 साल की उम्र से पहले शादी के बारे में नहीं सोचती । पहले तो केवल लड़के ही अपने करियर को लेकर सीरियस नजर आते थे लेकिन अब लड़कियां लड़कों से भी ज्यादा अपने करियर को लेकर सीरियस नजर आती है ।
और देखा जाए तो ये सही भी है क्योंकि ये महिलाओं की पुरुषों पर निर्भरता को खत्म करता है ।
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