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यहाँ पैदल चलती लड़कियों का होता है रेप

क्या अब जब भी समाचार पत्र पढ़ा जाएगा महिलाओं और लकड़ियों के रेप की खबरें ही छपेंगी? ये सवाल अब जनता खुद से ही पूछे. हर बार ऐसा क्यों होता है. आखिर इन लकड़ियों का रेप किया ही क्यों जाता है. इस समाज में २ ही वर्ग के लोग हैं. लड़का और लड़की. ऐसे में लड़कियों के सामने से ऐसा कोई घिनौना अपराध नहीं होता, लड़के हमेशा निर्भया काण्ड जैसी घटनाओं को अंजाम देते रहते हैं. आखिर कब तक ऐसा चलेगा. सरकार कोई भी क्यों न आ जाए, लेकिन महिलओं की स्थिति हर समय एक ही जैसी रहती है. बाहर निकलना, कॉलेज जाना, मार्किट जाना अपने पसंद के कपडे पहनना सब कुछ पर पाबंदी लगा कर भी चैन नहीं मिलता जो रेप कर देते हैं.

हर दिन रेप की घटना को पढ़कर आँखें नम हो जाती हैं दिल भर जाता है, लेकिन सिर्फ मायूसी ही हाथ लगती है. कुछ कर नहीं सकते. ये सोचकर हर लड़की इस मुद्दे पर शांत हो जाती है कि वो तो सुरक्षित है. लेकिन ये सुरक्षा कब तक. आज उसकी बारी तो कल तुम्हारी भी हो सकती है. कहीं ऐसा न हो कि घरों से निकालकर लड़कियों का रेप होने लगे. ये सोचकर ही रूह काँप जाती है.

उत्तर प्रदेश में ऐसी ऐसी घटनाएं होती हैं कि आत्मा तक हिल जाती है. कुछ ऐसा ही हुआ एक बार फिर जिसने हर किसी के दिल को झकझोर दिया. उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर जिले में एक युवती को कार से अगवा कर उससे सामूहिक बलात्कार का कथित मामला सामने आया है. पुलिस सूत्रों ने दर्ज रिपोर्ट के हवाले से बताया कि मोहम्मदी खीरी थाना क्षेत्र के एक गांव की रहने वाली 20 वर्षीय युवती गत 21 दिसंबर की शाम रोजा क्षेत्र में पैदल जा रही थी कि तभी एक कार उसके पास आकर रुकी. लड़की का आरोप है कि कार सवार युवकों ने उसे कार में खींच लिया और आगे ले जाकर खेत में उसके साथ सामूहिक बलात्कार किया.

अपनी हवश बुझाने के बाद उन दरिंदों ने उस लड़की को वहीँ छोड़ भाग गए. वो लड़की किसी तरह खुद को संभाली और किसी तरह से वो अपने घर पहुंची. अपने खेत से घर आने के रस्ते में इस तारह के वारदाता का उसे ज़रा भी अंदाज़ा नहीं था, क्योंकि ये दोनों ही रस्ते उसके लिए अनजान नहीं थे. हर दिन वो इसी रास्ते से आया जाया करती थी. सूत्रों ने बताया कि लड़की ने घर पहुंचकर परिजनों को वारदात के बारे में बताया. उसकी तहरीर पर शाहरुख, नसीमुद्दीन, अरुण और एक अज्ञात व्यक्ति पर सामूहिक दुष्कर्म का मामला दर्ज किया गया है. सूत्रों के मुताबिक युवती का पिता हत्या के एक मामले में जेल में बंद है और आरोपी युवक इस हत्याकांड में गवाह हैं. बहरहाल, पुलिस ने आरोपियों की तलाश शुरू कर दी है.

अब सवाल ये उठता है कि क्या उन दोषियों को सजा मिल जाने से इस लड़की की इज्ज़त वापिस आ जाएगी? अब क्या कोई उससे शादी कर पाएगा, या वो लड़की खुद को कैसे समाज के तानों से बचा पाएगी? कैसे वो खुद को आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित कर पाएगी? उसके घरवालों की मनः स्थिति का किसी ने अंदाज़ा भी लगाया है?