कुछ दिनों पहले ईद के मौके पर एक लड़की ने लड़कों को गले लगाकर बधाई दी थी। ये मामला उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद का था। इस पूरे मामले का वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुआ था, यहां तक कि अखबारों और न्यूज़ चैनलों पर भी इसने खूब सुर्खियां बटोरीं थीं।
आज हम आपको इसी लड़की के बारे में बताने जा रहे हैं कि अब वो कहां है और उसने ऐसा क्यों किया।
ईद के मौके पर पब्लिसिटी के लिए नहीं था
ईद के मौके पर, ईद के दिन 100 लड़कों को गले लगाने वाली लड़की का कहना है कि उसने ये सब पब्लिसिटी के लिए नहीं किया था। मुरादाबाद की रहने वाली इस लड़की का कहना है कि उसका कोई गलत इरादा नहीं था। उसने तो बस सबको ईद की मुबारकबाद देने के लिए ऐसा किया था।
अब क्या है हाल
लड़की का नाम अलीशा है और इस घटना के बाद उसकी पूरी जिंदगी ही बदल गई है।
अलीशा का कहना है कि इस घटना के बाद उसे और उसके परिवार को लगातार मैसेज आ रहे हैं कि उसे अपने परिवार और धर्म की इज्जत को मिट्टी में मिला दिया है। वायरल वीडियो के बारे में उसे कुछ नहीं पता। अलीशा का कहना है कि अब उसका घर से बाहर निकलना तक मुश्किल हो गया है। उसका कहना है कि हर जगह वीडियो अधूरा दिखाया गया है और इससे उसका पूरा मकसद ही खराब हो गया है। उसकी वीडियो पर लोग अभद्र टिप्पणी कर रहे हैं और इस वजह से उसके परिवार को बहुत जिल्लत उठानी पड़ रही है। उसकी मां तो डिप्रेशन में चली गई है।
क्या है पूरा मामला
आपको बता दें कि ईद के मौके पर मुरादाबाद के कांठ रोड स्थित एक मॉल में तीन लड़कियां पहुंची थीं।
इनमें से एक लड़की ने वहाँ मौजूद युवक को ईद की मुबारकबाद दी। लड़की को ऐसा करते देख वहां मौजूद और भी युवक आगे आए। ऐसा करते-करते युवकों की लाइन लग गई। इस दौरान लड़की की एक सहेली ने इस पूरी घटना की वीडियो बना ली और दूसरी सहेली ने 100 लड़कों की गिनती शुरु कर दी।
अलीशा भी मुस्लिम हैं और इस्लामिक धर्म गुरुओं के मुताबिक ऐसा कुछ करने की इस्लाम इजाजत नहीं देता है। इस्लाम के मुताबिक एक मुस्लिम लड़की किसी गैर मर्द को गले नहीं लगा सकती है। अलीशा ने ऐसा करके अपने सिर आफत मोल ले ली है। खैर, इस मामले में उसका कहना है कि उसने किसी गलत इरादे से ये सब नहीं किया था लेकिन वीडियो को कुछ इस तरह से पेश किया गया है कि लोगों के सामने वो बुरी बन गई।
हालांकि, अपने वीडियो पर मामले को गरमाता देख अलीशा ने माफी भी मांगी और सब कुछ रफा-दफा करने की मांग की लेकिन आप तो जानते ही हैं ना कि मुस्लिम रिवाज़ कितने सख्त होते हैं और महिलाओं के लिए तो इनमें और भी ज्यादा सख्ती होती है। ऐसे में अलीशा का ये कदम उसके लिए ही नहीं बल्कि उसके परिवार के लिए भी बहुत भारी पड़ रहा है।
अब उसे ईद के मौके पर की हुई अपनी करनी पर पछतावा हो रहा है लेकिन अब किया भी क्या जा सकता है। धर्म के नाम पर किसी लड़की का ऐसा कदम आपको किस हद तक सही लगता है ?