आज हम विज्ञान के दौर में बेशक जी रहे हैं लेकिन कुछ बातें ऐसी जरुर हैं जिन्हें विज्ञान भी हल नहीं कर पाया है.
भूत-प्रेत की दुनिया का राज आज भी यह नहीं हल कर पाया है. विज्ञान कहता है कि यह कुछ लोगों का मात्र भ्रम है लेकिन इंसान कहता है कि नहीं यह भ्रम नहीं है.
देश के दिल दिल्ली के द्वारका सेक्टर 9 में एक ऐसी ही जगह है जहाँ पर भूतों का साया बताया जाता है.
अक्सर रात को यहाँ से गुजरने वालों से एक औरत का साया लिफ्ट मांगता है. कुछ लोग बताते हैं कि उन्होंने उस महिला को लिफ्ट दी भी है और वह थोड़ी दूर जाकर गायब हो जाती है. किन्तु अगर कोई उसको लिफ्ट नहीं देता है तो वह काफी देर तक उस गाड़ी का पीछा करती है.
कहाँ है यह जगह
दिल्ली के द्वारका में सेक्टर 9 मेट्रो स्टेशन के पास यह जगह है.
रास्ते पर दो पेड़ हैं जिन पर किसी आत्मा का वास बताया जाता है. यहाँ एक पेड़ पीपल का और दूसरा पेड़ नीम का है और दोनों ही पेड़ एक दूसरे से मिले हुए हैं. पेड़ के चारों ओर एक चबूतरे का निर्माण कर दिया गया है और उस पर ईश्वर की मूर्तियाँ भी रखी हुई हैं.
रात के समय बताया जाता है कि अक्सर यहाँ पर कुछ नजर आता है. जो या तो पेड़ पर बैठा होता है या फिर कई बार सड़क पर चलती गाड़ियों से लिफ्ट भी मांगता है. कुछ बाइक वाले दावा भी करते हैं कि उन्होंने उस साए तो लिफ्ट भी दी है और कुछ दूर जाकर वह खुद बाइक से गायब हो गयी थी.
जहाँ पर पेड़ है वहां एक छोटा सा मंदिर भी बना हुआ है जिसके बाहर दो पहरेदार बैठे हुए हैं लेकिन मंदिर बंद ही रहता है. आप बेशक इस बात को मजाक में ले सकते हैं और आप बोल सकते हैं कि यह अंधविश्वास को बढ़ावा देना है लेकिन आप अगर यहाँ रात के 12 बजे जाते हैं तो आपको यहाँ जरूर कुछ नकारात्मक शक्ति का आभास होगा.
हुआ था एक हादसा और तब
कहते हैं कि काफी पहले यहाँ एक हादसा हुआ था.
एक माँ अपने बच्चे के साथ इस रास्ते से गुजर रही थी तो दोनों को एक कार ने दुर्घटना में घायल कर दिया था. तब माँ ने रास्ते से गुजरते हुए लोगों से मदद मांगी थी और किसी ने भी तब उस महिला की मदद नहीं की थी. इस हादसे में तब दोनों की मृत्यु हो गयी थी. तबसे उस महिला का साया यहाँ बताया जाता है और वह यहाँ से गुजरते लोगों से मदद मांगती रहती है.
इस कहानी को यहाँ के निवासी लोग बताते हैं. यह लोग कहते हैं कि काफी सारे अख़बारों ने इस बात को छापा तब छापा था.
इंडियन पैरानॉर्मल सोसायटी जब यहाँ आई
रात के समय जब इंडियन पैरानॉर्मल सोसायटी यहाँ आई थी तब वह खुद बताती है कि यहाँ पर कुछ अजीब जरूर लगा था. कुछ फोटोज में परछाई नजर आ रही थी. इन्होनें जब रास्ते पर राख डाली तो कुछ पैरों के निशान भी इन लोगों को नजर आए थे. साथ ही साथ यहाँ की हवा भी कुछ ज्यादा ही अजीब लगी थी.
तो अब आप अगर कभी इस रास्ते से निकलें तो ध्यान जरूर रखें और अगर आपको कुछ नजर आये तो उसको नजरअंदाज करने की कोशिश तो बिल्कुल भी ना करें.
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