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225 साल पुरानी इस दुकान में मुगल से लेकर देश के पीएम तक खा चुके हैं मिठाई

घंटेवाला मिठाई की दुकान

घंटेवाला मिठाई की दुकान – मिठाई का नाम सुनते ही लोगों के मन में कई सारी मिठाईयां आ जाती है। लेकिन क्या आपके दिमाग में कभी कोई पुरानी मिठाई आई है। आज हम बात करने वाले हैं दिल्ली की मशहूर मिठाई की दुकान ‘घंटेवाला’ के मालिक सुशांत जैन की जो आजकल काफी चर्चाओं में है।

घंटेवाला मिठाई की दुकान देश की सबसे पुरानी दुकान मानी जाती है। दरअसल इस दुकान के मालिक ने बॉलीवुड की कुछ हस्तियों को लीगल नोटिस भेज दिया है जिसकी वजह से वे चर्चा में आ गए हैं।

225 वर्ष पुरानी है घंटेवाला मिठाई की दुकान

दिल्ली के चांदनी चौक में लगातर 225 सालों से चल रही इस दुकान को अचानक से पिछले साल बंद कर दिया गाय। वह भी केवल लीगल नोटिस भेजने के कारण। दरअसल इस दुकान के मालिक ने पिछले साल बॉलीवुड के कुछ मशहूर सेलीब्रिटी को लीगल नोटिस भेजा था। सुशांत ने शाहरुख खान, प्रोड्यूसर आदित्य चोपड़ा, यशराज फिल्मस के डायरेक्टर महेश शर्मा और फैन फिल्म के दोनों राइटर्स को एक लीगल नोटिस भेजा है। जिसके बाद यह दुकान अचानक बंद हो गई। आज हम इसी दुकान की बात करेंगे जो अचानक से क्यों बंद की गई थी और यह दुकान क्यों फेमस थी…

1790 में बनी थी यह दुकान

घंटेवाला मिठाई की दुकान

घंटेवाला मिठाई की दुकान की शुरुआत 1790 में हुई थी, उस वक्त दिल्ली पर मुगल बादशाह शाह आलम सेकंड का शासन था। इस दुकान पर मुगल के शासक भी मिठाई खाने के लिए आते थे। जिसके कारण यह दुकान अपने आसपास के इलाकों में काफी फेमस थी। इसलिए कई युद्द हो जाने के बाद भी यह दुकान सही-सलामत रही।

ठेले से शुरू हुई थी यह दुकान

घंटेवाला मिठाई की दुकान जयपुर के आमेर के रहने वाले लाला सुखलाल जैन ने शुरू की थी। एक दिन सुखलाल दैन दिल्ली में अपनी मिठाई की दुकान शुरू करने के लिए दिल्ली आए और ठेले पर मिश्री-मावा बेचना शुरू किया। धीरे-धीरे इनकी मिश्री-मावे की मांग हर जगह होने लगी। फिर कुछ समय के बाद इन्होंने अपनी एक दुकान शुरू कर ली।

आठ पीढ़ियों ने की इसकी दुकानदारी

घंटेवाला मिठाई की दुकान

घंटेवाला मिठाई की दुकान की दुकानादरी सुखलाल जैन की आठ पीढ़ियों ने शुरू की हुई है। लेकिन पिछले साल दुकान के मालिक सुशांत जैन ने बिक्री कम होने कारण इसे बंद कर दिया।

दूसरे राज्यों में भी फेमस थी यह दुकान

यह दुकान केवल दिल्ली में ही फेमस नहीं थी। बल्कि दूसरे राज्यों में भी यह काफी फेमस थी। यहां देसी घी और क्रीम से बने सोहन हलवे और कराची हलवे को लोगों के बीच खासतौर पर पसंद किया जाता था।

पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी तक चख चुके हैं यहां की मिठाईयां

घंटेवाला मिठाई की दुकान

इस दुकान की मिठाईयां प्रधानमंत्री से मुगल बादशाह तक चख चुके हैं। यहां तक की विदेशियों के बीच में भी ‘घंटेवाला’ का सोहन हलवा चाव काफी फेमस था। घंटेवाला के आसपास के दुकानवाले बताते हैं कि एक समय देश के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी भी यहां आए थे। इंदिरा गांधी को भी यहां की मिठाइयां बेहद पसंद थी।

मोहम्मद रफी भी खा चुके हैं यहां की मिठाईयां

इस दुकान की मिठाईयां खाने के लिए मोहम्मद रफी भी विशेष तौर से अपनी कार से यहां आते थे। जबकि पूर्व प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई को यहां की जलेबियां बहुत पंसद थीं। लोगों की मानें तो दीपावली के दिन यहां मिठाई खरीदने वालों की इतनी भीड़ होती थी कि उन्हें कंट्रोल करने के लिए पुलिस को बुलाना पड़ता था।

विदेशी टूरिस्ट यहां इस दुकान में घूमने आते थे और मिठाई खाते हुए फोटो खिंचवाते थे।

घंटेवाला मिठाई की दुकान

ऐसा पड़ा था इस दुकान का नाम घंटेवाला

इस दुकान का नाम घंटेवाला पड़ने के पीछे कई सारी कहानियां हैं। कहा जाता है कि इस दुकान का नाम पास में बने एक घंटाघर की वजह से घंटेवाला पड़ गया था।

बताया जाता है कि मुगल बादशाह लाल किले से इस घंटे की आवाज सुनते थे और अपने नौकरों से घंटे के पास बनी दुकान से मिठाइयां लाने के लिए कहते थे।

मालिक सुशांत जैन ने बताया कि मुगल शासक शाह आलम की सवारी जब दुकान के सामने से गुजरती थी तो उनका हाथी इस दुकान के आगे आकर रुक जाता था। वह जब तक यहां की मिठाई नहीं खा लेता था, तब तक आगे नहीं बढ़ता था।

बिक्री कम होने के कारण बंद हुई दुकान

225 साल पुरानी यह दुकान बिक्री कम होने के कारण पिछले साल बंद हो गई। दुकान के मालिक सुशांत जैन ने बताया कि दुकान को बंद करना एक मुश्किल फैसला था। हम आठ पुश्तों से इस दुकान को चला रहे थे, लेकिन पिछले कुछ सालों में इसकी घटती बिक्री के चलते ये फैसला लेना पड़ा।

खैर घंटेवाला मिठाई की दुकान अब भी बंद हो गई है लेकिन लोग अब भी इस दुकान को सर्च करते हुए यहां पहुंच जाते हैं और गूगल में भी यह दुकान सर्च में दिखाती है।