बॉडी क्लॉक – आजकल लोग आधुनिक जीवनशैली का पालन करते हैं और इसके चक्कर में ना तो वो रात को समय पर सो पाते हैं और ना ही सुबह समय पर उठा पाते हैं। हम में से कई लोगों को रात को देर तक जागने की आदत होती है और कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जो रात को देर तक जागने के बाद भी सुबह जल्दी उठ जाते हैं।
हर किसी के सोने और उठने का समय निर्धारित होता है और वो इंसान उसी निर्धारित समय पर सोता और उठता है और दिलचस्प बात तो ये है कि रोज़ उसी समय पर उसे नींद आती है। सोने का समय बदलने में थोड़ा समय भी लगता है।
आपको जानकर हैरानी होगी कि आपके उठने के समय से आपकी मृत्यु के बारे में बताया जा सकता है। आप मानें या ना मानें लेकिन आपकी सोने की आदतों से ही आपकी मृत्यु के बारे में जाना जा सकता है।
तो चलिए जानते हैं बॉडी क्लॉक के पीछे छिपे रहस्य के बारे में..
आपके लिए शायद ये बात मायने ना रखती हो लेकिन इन्हीं आदतों की वजह से आपकी मौत का समय निर्धारित होता है। इन सब बातों का तात्पर्य यही है कि आपकी रोज़ की दिनचर्या की आदतों से ही आपकी मौत का दिन और समय संबंधित होता है। ये बातें आपको अजीब जरूर लग सकती हैं लेकिन इनका वैज्ञानिक आधार भी मौजूद है।
रिसर्च में हुआ खुलासा
एक रिसर्च में इस बात का पता चला है कि रात को सोने और सुबह उठने के समय से ही यह बात निर्धारित हो जाती है कि आपकी मृत्यु किस दिन होगी और समय या पहर क्या होगा। एक वैज्ञानिक रिसर्च से इस बात का खुलासा हुआ है।
बॉडी क्लॉक का काम
ये रिसर्च अमेरिका के हावर्ड मेडिकल स्कूल के वैज्ञानिकों द्वारा की गई है और इसका नेतृत्व एंड्रयू लिम ने किया है। रिसर्च की मानें तो इंसान के शरीर में एक घंडी होती है जो हमारी आदतों को ऑब्जर्व करके हमारे सोने और उठने का समय निर्धारित करती है। अपनी इसी आदत की वजह से हमें रोज़ एक ही समय पर नींद आती है और आंख खुलती है।
रिसर्च के अनुसार शरीर के जिन कार्यों को हम अपने निर्धारित समय के आधार पर करते हैं वो हमारी दिल की धड़कन से जुड़े होते हैं। रिसर्च में खुलासा हुआ है कि शरीर द्वारा किए जाने वाले सभी काम एक लय में होते हैं और इसी तरह मृत्यु भी एक लय में होती है। रिसर्च की मानें तो अमूमन लोगों की मृत्यु सुबह 11 बजे होती है।
आपने बॉडी क्लॉक के बारे में तो सुना ही होगा। ये वही है, इसमें शरीर की घड़ी आपकी रोज़ की आदतों को नोट कर लेती है और फिर रोज़ उन कामों को उसी निर्धारित समय पर करने की याद दिलाती है। बॉडी क्लॉक के हिसाब से चलना बहुत जरूरी होता है क्योंकि ये हमें स्वस्थ रखने में भी मदद करती है।
आपको बता दें कि हम इस रिसर्च का समर्थन नहीं करते हैं। ये बस एक जानकारी है जो रिसर्च के दौरान सामने आई है।