क्या सच में कुछ ऐसा है जो औरतों को फिर से कुंवारा यानि वर्जिन बना सकता है?
यूरोप और कुछ अन्य पश्चिमी स्थानों में रुढ़िवादी परिवारों में पैदा होने वाली मुस्लिम लड़कियों को इस बात का हमेशा खौफ रहता है कि क्या होगा यदि उनके शौहर को पता चल जाए कि वो कुंवारी नहीं है?
वैसे तो आज दुनिया के अधिकतर हिस्सों में शादी के समय कुंवारा होना या ना होना कोई बड़ी बात नहीं है, लेकिन फिर भी कुछ पिछड़े और विकासशील देश में आज भी शादी के समय कुंवारापन पवित्रता का सुबूत माना जाता है.
यूरोप में जहाँ बहुत ही खुला वातावरण है वहां तो कल्पना भी नहीं की जा सकती कि कोई विवाह तक कुंवारा रहता है.
ऐसे में उन लड़कियों के लिए बड़ी समस्या खडी हो जाती है जिनका जन्म तो रूढ़िवादी परिवार में हुआ है लेकिन वो स्वयं नए ज़माने की होती है. ऐसे में ये मुमकिन है कि कभी किसी प्रेम सम्बन्ध या दोस्ती में शारीरिक संबंध बन जाए और लड़की अपना कौमार्य खो दे.
अगर ऐसी लड़की का विवाह भी किसी रूढ़ीवादी परिवार में हो जाता है तो प्रथम सम्भोग के समय यदि पति को पता चल जाए कि उसकी दुल्हन वर्जिन नहीं है तो कभी कभी नौबत तलाक तक आ जाती है.
खासकर मुस्लिम परिवारों में दुल्हन का कुंवारा ना होना बहुत बार तलाक का कारण बन जाता है.वैसे ये ज़रूरी भी नहीं कि यौवन की झिल्ली जो स्त्री के गुप्तांग में होती है केवल सम्भोग की वजह से ही टूटे.
कई बार इसके दुसरे कारण भी होते है जैसे साइकिल चलाना, तैराकी, खेल कूद आदि. लेकिन अब मंदबुद्धि रूढ़िवादियों को कौन समझाए?
उनकी आधी अधूरी समझ के अनुसार तो कौमार्य खोने का एक ही कारण होता है वो है सम्भोग.
लेकिन अब लड़कियों को इस समस्या से घबराने की ज़रूरत नहीं है. जर्मनी की एक कंपनी ने एक ऐसा अनोखा प्रोडक्ट बनाया है जिसके इस्तेमाल से अब लड़की जितनी बार चाहे उतनी बार वर्जिन हो सकती है.
जर्मनी की कंपनी ने एक ऐसी झिल्ली तैयार की है जो कृत्रिम हाईमन का कार्य करती है. इस झिल्ली को स्त्री गुप्तांग पर लगाया जाता है.
जब लड़की संभोग करती है तो ये कृत्रिम झिल्ली वास्तविक हाईमन की तरह ना सिर्फ अवरोध उत्पन्न करती है अपितु इस झिल्ली से कृत्रिम खून भी बहता है. बस अब ज़रूरत होती है एक बेहतरीन अदाकारी की अगर लड़की उसमे सफल हो गयी तो किसी को भी नहीं पता चलेगा कि कौमार्य अभी भंग हुआ या पहले भंग हो चुका था.
ये कृत्रिम उपाय इन दिनों पूरे विश्व में बहुत प्रसिद्द हो रहा है. इसकी सबसे ज्यादा मांग यूरोप के देशों में है और इस्तेमाल करने वाली महिलाएं अधिकतर रूढ़िवादी मुस्लिम परिवारों की है जहाँ सुहागरात में खून लड़की का खून निकलना प्रतिष्ठा का विषय माना जाता है.
देखा आपने कि किस प्रकार रूढ़िवादी समाज के दबाव में आकर लड़कियों को क्या क्या उपाय करने पड़ते है और जर्मनी की ये कम्पनी लोगों की इसी रूढ़िवादी सोच का फायदा उठाकर ऐसा अनोखा उत्पाद बाज़ार में लेकर आई है.
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