दोस्ती दिवस – दोस्ती करने और निभाने के लिए सबसे गोल्डन टाइम कॉलेज और स्कूल के होते हैं।
यहां पर ना तो करियर का बोझ होता है और ना ही भविष्य बनाने की चिंता। अगर कोई हर मोड़ पर साथ होता है तो वो है दोस्ती।
इस बार दोस्ती दिवस 5 अगस्त, 2018 को मनाया जा रहा है। कहते हैं कि हर साल अगस्त के महीने में पहले रविवार को फ्रेंडशिप डे मनाया जाता है। लेकिन इस बार युवा पीढ़ी किस तरह दोस्ती दिवस मना रही है, आइए जानते हैं –
मुंबई के एक कॉलेज में पढ़ने वाली सोनिया ने बताया कि फ्रेंडशिप डे का दिन उनके और उनके पूरे ग्रुप के लिए बहुत खास होता है और हर साल इस दिन वो लोग आउटिंग पर जाते हैं। साथ ही नए दोस्तों को अपने ग्रुप में वेलकम भी करते हैं। सोनिया का कहना है कि वैसे तो कॉलेज में हर रविवार ही वो अपने ग्रुप के साथ कहीं घूमने जाती हैं लेकिन फ्रेंडशिप डे का दिन कुछ अलग और खास होता है। इस दिन को वो सभी मिलकर सेलिब्रेट करते हैं। दोस्तों को फ्रेंडशिप डे विश करते हैं, फ्रेंडशिप बैंड बांधते हैं और टी शर्ट पर दोस्तों से विशेज़ और संदेश लिखवाते हैं। यह सब कुछ बहुत रोमांचक होता है।
वहीं दूसरी ओर दिल्ली के जाकिर हुसैन कॉलेज से बीकॉम कर रही तान्या शर्मा कहती हैं कि भले ही दोस्ती दिवस साल में एक बार आता हो लेकिन उनके ग्रुप के लिए हर दिन ही फ्रेंडशिप डे होता है। जब वो सारे दोस्त मिलकर कॉलेज कैंटीन में पार्टी करते हैं और ढेर सारी मस्ती भी करते हैं।
वहीं आयशा का कहना है कि दोस्ती का रिश्ता सबसे ऊपर होता है क्योंकि ये रिश्ता हमे विरासत में नहीं मिलता है बल्कि हम खुद अपनी पसदं से अपने दोस्त चुनते हैं और आपसी अंडरस्टैंडिंग से ये रिश्ता कायम होता है और ताउम्र चलता है। समय गुज़रने के साथ ये रिश्ता और भी ज्यादा मजबूत होता जाता है। हम सभी दोस्त मिलकर दोस्ती दिवस पर कहीं बाहर घूमने जाते हैं।
ये तो था कॉलेज में पढ़ने वाले छात्रों का दोस्ती दिवस, अब ज़रा जान लेते हैं कि ऑफिस वाले लोग फ्रेंडशिप डे को किस तरह मनाते हैं।
मीडिया एजेंसी में काम करने वाली कनिका इस फ्रेंडशिप पर कई सालों बाद अपने स्कूल के दोस्तों से मिलने वाली है। उसका कहना है कि वो स्कूल और कॉलेज के दिनों में हर साल अपनी स्कूल फ्रेंड्स के साथ ये दिन मनाती थी लेकिन जॉब की वजह से दोस्ती में दूरियां आ गईं। उन्होंने कई बार मिलने का प्लान भी बनाया लेकिन पूरा ना हो सका। अब फाइनली इस फ्रेंडशिप डे पर सालों बाद वो अपने दोस्तों से मिलने वाली हैं। इसे लेकर वो बहुत एक्साइटेड हैं और अपने दोस्तों के लिए फ्रेंडशिप बैंड भी खरीद लिए हैं।
तो देखा, दोस्तों अब भी दोस्ती में वही पुराना रंग है जो पहले हुआ करता था। भले ही दोस्ती में दूरियां आ जाएं लेकिन कड़वाहट नहीं आती है। ये रिश्ता खून का नहीं बल्कि दिल का होता है और कहते हैं कि सच्चा दोस्त बहुत किस्मत वालों को मिलता है।