“आदमी हूँ आदमी से प्यार करता हूँ” और “अब शादी भी कर सकता हूँ”.
दुनिया के कई देशों के साथ साथ अब आयरलैंड में भी “गे और लेस्बियन” शादियाँ देखने को मिलेगी.
अब तक सरकार चुनने के लिए वोट करते तो देखा होगा आपने. पर आयरलैंड में “सेम सेक्स मैरिज” को कानूनी बनाने के लिए वोट हुआ. और सर्वसम्मति से “सेम सेक्स मैरिज” कानूनी भी बन गया. आयरलैंड पहला देश भी बना जिसने वोटिंग के जरिये ये निर्णय लिया.
3.2 मिलियन लोगों ने वोट कर “गे” और “लेस्बियन” शादी पर मुहर लगायी.
आयरलैंड जहाँ 80 प्रतिशत आबादी कैथोलिक है, वहां इतनी बड़ी मात्रा में “सेम सेक्स मैरिज” के पक्ष में वोट होना बड़ी जीत है.
सेम सेक्स मैरिज पर अब तक 22 देशों में कानूनी मुहर लग चुकी है और 21 देशों में इस पर अब तक बहस की जा रही है.
हम इस नक़्शे के जरिये दिखाते हैं की दुनिया के किन देशों में “ सेम सेक्स मैरिज” को कानूनी पहचान मिल गयी है-
भारत में “गे” मैरिज की स्थिति:-
भारत में भी “गे” अधिकार के लिए लम्बी लड़ाई चल रही है. आईपीसी की धारा 377 का विरोध सालों से हो रहा है.
जुलाई 2009 को दिल्ली हाईकोर्ट ने धारा 377 को असंवैधानिक घोषित कर दिया. पर सुप्रीम कोर्ट ऑफ़ इंडिया ने दिसम्बर 2013 को हाई कोर्ट के फैसले को पलटते हुए कहा कि, इसका फैसला भारतीय संसद को करना चाहिए ना की न्यायपालिका को. संसद में इस पर बहस होने के बाद इस पर फैसला लिया जाना चाहिए.
इसके बाद देश भर में सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले का भरी विरोध हुआ. बॉलीवुड सेलिब्रिटीज अमिताभ बच्चन, आमिर खान, सेलिना जेटली, रितेश देशमुख, जॉन अब्राहम और अन्य ने इस फैसले का विरोध किया.
यूनाइटेड नेशन के मानवधिकार मामलों के प्रमुख नवी पिल्लै ने निराशा जताते हुए कहा था की भारत ने पिछड़े होने की तरफ कदम बढाया है.
गृह राज्य मंत्री किरण रिजीजू ने संसद में लिखित रिप्लाई में कहा है की वो धारा 377 पर करवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट के आखिरी आदेश का इंतज़ार कर रहे हैं.
भारत में “सेम सेक्स मैरिज” पर अभी मुश्किलें बहुत हैं.
कई नेता और लोग अभी तक रुढ़िवादी सोच पर जी रहे हैं.
बाबा रामदेव इसे एक बीमारी बताते हैं. ऐसे में “लेस्बियन,गे,बाईसेक्सुअल, ट्रांसजेंडर” (LGBT) अधिकार के लिए लड़ रहे लोगो को और इंतज़ार करना पड़ सकता है.