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इस बीमारी से निजात दिलाने के लिए यहाँ पीड़ित के साथ जबरन किया जाता है गैंगरेप !

समलैंगिकता

समलैंगिकता – जब कोई शख्स किसी बीमारी से पीड़ित होता है तो उसके परिवार वाले अच्छे से अच्छे डॉक्टर से ना सिर्फ उसका ईलाज करवाते हैं बल्कि उसकी सेहत के लिए भगवान से दुआ भी मांगते हैं.

इतना ही नहीं बीमार इंसान की अच्छी तरह से देखभाल किया जाता है ताकि वो जल्द से जल्द ठीक हो सके ना कि उसे और तकलीफ पहुंचाई जाती है.

आज हम आपको दुनिया के एक ऐसे देश के बारे में बताने जा रहे हैं जहां पीड़ित के साथ जबरन गैंगरेप जैसा घिनौना काम किया जाता है ताकि वो अपनी बीमारी से निजात पा सके.

समलैंगिकता को बीमारी मानते हैं यहां के लोग

दुनिया भर के कई देशों में समलैंगिक लोग आजादी से अपनी जिंदगी जी रहे हैं इतना ही नहीं वो अपने समलैंगिक पार्टनर के साथ खुलकर दुनिया के सामने अपने रिश्ते का इजहार भी करते हैं क्योंकि उन देशों में समलैंगितका को कानूनी मान्यता जो दी गई है.

जबकि दुनिया के नक्शे पर कई ऐसे देश भी हैं जहां समलैंगिक रिश्तों को स्वीकार करना तो दूर उसे एक अपराध के तौर पर देखा जाता है. लेकिन साउथ अमेरिका के इक्वाडोर का क्या कहना, यहां तो समलैंगिता को एक गंभीर बीमारी के तौर पर देखा जाता है.

समलैंगिक लोगों के साथ किया जाता है सामूहिक रेप

इक्वाडोर में रहनेवाले लोग समलैंगिकता को एक बीमारी मानते हैं और समलैंगिक इंसान को इस बीमारी से पीड़ित मरीज मानकर उसके ईलाज के नाम पर हैवानियत का खेल खेला जाता है.

यहां ईलाज के नाम पर समलैंगिक लोगों के साथ टॉर्चर रुम में जबरन सामूहिक बलात्कार किया जाता है. ईलाज के नाम पर उनके साथ हैवानियत का खेल सिर्फ इसलिए खेला जाता है ताकि वो समलैंगिकता की बीमारी से मुक्त हो सके.

आपको बता दें कि यहां समलैंगिक लोगों के साथ इंसानियत को शर्मसार करनेवाली इस करतूत को दुनिया के सामने लाने के लिए फोटोग्राफर पाओला परेड्स ने एक सीरीज भी जारी की है.

पेशे से फोटोग्राफर पाओला खुद एक लेस्बियन हैं और जब उन्होंने परिवार वालों को इसके बारे में बताया तो परिवार ने उनका काफी विरोध भी किया. जिसके बाद उन्होंने अपने परिवार के रिएक्शन से जुड़ी कुछ तस्वीरें शेयर की और फिर कई लोगों ने खुलकर पाओला से अपने दर्द को बयान किया.

बहरहाल समलैंगिकता को बीमारी समझकर उससे पीड़ित लोगों के साथ सामूहिक बलात्कार करनेवाले शायद यह भूल गए हैं कि समलैंगिक लोग भी उन्हीं की तरह एक इंसान है उन्हें भी समाज में सिर उठाकर जीने का अधिकार है.