6. अपने आश्रम में महात्मा गाँधीजी ने ब्रह्मचर्य के प्रयोगों में निवस्त्र सोने की बात कही है. किन्तु भारतीय लोग इसको गलत समझ लेते हैं. जो लोग गाँधीजी की आलोचना करते हैं वह एकबार एक तरह का प्रयोग करें और फिर सबको इस तरह के प्रयोग के वाकिफ भी कराएँ. तब आपको हिम्मत का ज्ञान होगा.