4. मैने अपने-आप से पूछा, मुझे अपनी पत्नी के साथ कैसा सम्बन्ध रखना चाहिये. पत्नी को विषय-भोग का वाहन बनाने मे पत्नी के प्रति वफादारी कहाँ रहती हैं ? जब तक मैं विषय-वासना के अधीन रहता हूँ, तब तक तो मेरी वफादारी का मूल्य साधारण ही माना जायगा. यहाँ मुझे यह कहना ही चाहिये कि हमारे आपस के सम्बन्ध मे पत्नी की ओर से कभी आक्रमण हुआ ही नहीं. इस दृष्टि से जब मैं चाहता तभी मेरे लिए ब्रह्मचर्य का पालन सुलभ था. मेरी अशक्ति अथवा आशक्ति ही मुझे रोक रही थी.
यह बात महात्मा गांधी जी खुलकर सत्य के साथ प्रयोग नामक पुस्तक में लिखते हैं. क्या आप ऐसी बातें किताब में लिख पाओगे? जवाब खुद से पूछ लीजिये.