स्वच्छता अभियान – गांधीजी ने अपने जीवन दर्शन को केवल विचार द्वारा नहीं अपितु स्व के जीवन के आदर्श उदाहरण द्वारा स्थापित किया था। गान्धीजी के लिए स्वच्छता का अर्थ कदाचित यह नहीं था कि भारत में गन्दगी है।
गांधीजी भारत को अस्पृश्यता के अभिशाप से मुक्त करना चाहते थे जिसके लिए ज़रूरी था कि सिर पर मैला ढोना बन्द हो। गांधीजी ने साबरमती आश्रम में अपने पाखाने की सफाई स्वयं करने का संकल्प लिया जिसने उनकी पत्नी और पुत्रों को नाराज़ कर दिया । तथापि गांधीजी अपने संकल्प पर दृढ़तापूर्वक कायम रहे।
माननीय प्रधानमन्त्री का संकल्प है कि भारत को खुले में शौच करने से मुक्त किया जाए। इसी उद्देश्य से आदर्श ग्रामयोजना भी जारी की गई।
भारत एक पावन एवं पवित्र देश के रूप में ख्याति प्राप्त पतित पावनी गंगा से सुशोभित भारत भवानी के आदर्श का उदाहरण है ।
भारत में प्रतिदिन प्रातः आँगन धोने व बुहारने की परम्परागत रीति है । प्रवेशद्वार पर रंगोली सजाने की कला जगत् प्रसिद्ध है जिसमें सफेद चावल का आटा व हल्दी तथा लकड़ी के रंगे हुए बुरादे तथा रंग बिरंगे फूलों का प्रयोग किया जाता है ताकि कीट पतंगें तृप्त हों और पवित्र घर से दूर रहें।
फिर भारत के लिए एकवर्षीय स्वच्छता अभियान की आवश्यकता क्यों ?
वस्तुतः भारत में हम अपने घर द्वार को साफ रखते हुए अपनी सामाजिक जिम्मेदारी को भूलते चले गए।
आज संकल्प से सिद्धि कार्यक्रम में स्वच्छ भारत हेतु यंगिस्थान के एकवर्षीय स्वच्छता अभियान का लक्ष्य है कि भारत पूर्ण रूपेण खुले में शौच से मुक्त हो अर्थात् प्रत्येक घर में शौचालय की सुविधाजनक व्यवस्था रहे।
स्वच्छ भारत अभियान के अन्तर्गत सबको यह सबक देना होगा कि अपने आस पास पड़ोस और गाँव को भी साफ़ रखना प्रत्येक व्यक्ति की जिम्मेदारी है ।
भारत में प्रत्येक वस्तु के पुनर्प्रयोग की परम्परागत आदत रही है । प्रायः रंग बिरंगे सुन्दर काग़ज़ दुबारा प्रयोग के लिए सहेज कर रखे जाते हैं । पुरानी चीज़ें बेच दी जाती हैं या बदले में बर्तन लिए जाते हैं जिससे पुरानी चीज़ें अन्य के काम आ जाती हैं । निःसंदेह पुरानी बेकार वस्तुओं का सदुपयोग ही कबाड़ निवारण का सर्वोत्तम उपाय है ।
लण्डन में भी सैकण्ड हैंड वस्तुओं का बाज़ार है और पुरानी वस्तु की नीलामी का प्रचलन है। भारत में पुरातन का अनमोल खज़ाने की तरह प्रयोग सदियों से किया गया है यह नई पीढ़ी को सीखना होगा।
यंगिस्थान के स्वच्छता अभियान का उद्देश्य है कि समग्र स्वास्थ्य हेतु सम्पूर्ण स्वच्छता के लिए जन जागरण ।
स्वच्छता अभियान में थमिकता है गन्दगी फैलाने से रोको । प्रश्न सफाई करने का नहीं है अपितु कर्तव्य है कि अपने पीछे कूड़ा कर्कट नहीं छोड़कर जाने का। हमारे पास युवा पीढ़ी से सम्पर्क करने का मार्ग खुला है अतः हम आदर्श स्वच्छ स्थान स्थापित करने के लिए कटिबद्ध हैं।