ऑफिस में लेट आने के बहाने – हम अपनी रोजमर्रा की जिंदगी में शहरों की भाडदौड़ और ट्रफिक की बीच अक्सर ऑफिस पहंचने में लेट हो जाते है।
अब लेट हो गए तो ऑफिस में लेट आने के 10 बहाने भी बनाते है। ये बेहद आम बात है, और हमारे रोजमर्रा के जीवन का एक अहम् हिस्सा भी बन गया है, लेकिन क्या कभी आपने ऑफिस लेट आने के इतने अजीबों गरीब बहाने आपने सुने है।
ऑफिस में लेट आने के बहाने –
क्या है पूरा मामला? क्या था स्पष्टीकरण?
उत्तर प्रदेश के चित्रकूट जिले के एक सरकारी कर्मचारी ने अपने देर से कार्यालय पहुंचने का ऐसा जवाब दिया और कारण बताया कि एक ओर तो सुनने वालों के होश उड़ गए तो वहीं दूसरी ओर यह पीरा मामला सुर्ख़ियों में आ गया है।
ऑफिस में लेट आने के बहाने – मामला उत्तर प्रदेश के चित्रकुट जनपद के डिप्टी कमिश्नर वाणिज्य कर कार्यालय का है, जहां पर आशु लिपिक के पद पर कार्यरत कर्मचारी अशोक कुमार नाम के कर्मचारी से बीते 18 अगस्त 2018 को कार्यालय में लेट आने को लेकर वहां के डिप्टी कमिश्नर वाणिज्य कर एम. एस. वर्मा द्वारा जवाबदेही मांगी गई, साथ ही जवाब की समयसीमा को तय करते हुए अशोक को शाम तक का समय दिया गया।
अशोक ने शाम तक जवाब तो दे दिया, लेकिन जो जवाब दिया उसे सुनने और पढ़ने वालों अपनी हंसी नहीं रोक पाये। दरअसल हुआ कुछ ऐसा कि कर्मचारी अशोक कुमार ने अपने कार्यलय देर से आने के स्पषटीकरण पत्र में लिखा कि “साहब बीते कई दिनों से उसकी पत्नी की तबीयत खराब चल रही है, जिसके चलते खाना मुझे ही बनाना पड़ता है, और खाना बनाने में अभी नया हूं, रोटी मुझसे जल जाती है.. इसलिए आज कल दलिया बना कर खा रहा हूं। इस बात पर मेरी पत्नी गुस्सा हो गई”… इतना ही नहीं उसने अपने स्पष्टीकरण पत्र में यह भी लिखा कि “मेरी पत्नी का बदन दर्द करते है, तो पत्नी के हाथ-पैर भी दबाने पड़ते है इसलिए उसे दफतर आने में देर हो जाती है…ऊपर से ये खम्बखत रोड भी बड़ी खराब है अगर घर से पौने दस बजे निकलो तो जाम के कारण समय लग ही जाता है। अत: श्रीमान जी से निवेदन है कि कल से मैं थोड़ा और सुबह उठकर पत्नी की सेवा कर लूंगा और जल्दी निकलूंगा बाकी साहब आप खुद समझदार है।” इतना ही नहीं अंत में लिखा “साहब अत: बातों को ध्यान में रखते हुए मेरा स्पष्टीकरण स्वीकार कर लिजिये महान दया होगी”
ये था ऑफिस में लेट आने के बहाने में से एक बहाना – अब देरी से आना तो बेहद आम बात है, और पत्नी की बिमारी में सेवा करना भी बेहद आम बात है, लेकिन इस तरह से अपने कार्यलय या फिर कहीं भी देरी से पहंचने का लिखित स्पष्टीकरण आम नहीं है। इसी कारण उत्तर प्रदेश के चित्रकुट जनपद के डिप्टी कमिश्नर वाणिज्य कर कार्यालय का यह कर्मचारी लोगों के बीच सुर्खियों का कारण बन गया है। इतना ही नहीं लोगों ने सोशल मीडिया पर एक ओर इस खबर का जमकर मजाक उड़ाया, तो वहीं दूसरी ओर कई लोगों ने इसे पॉजिटिव न्यूज के तौर पर लेते हुए दूसरे लोगों के लिए सीख बताते हुए सोशल मीडिया पर शेयर किया।
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