कंडोम के बारे में तो जानते ही होंगे आप सब?
देखा कैसे चमक गयी ना आँखें….
अरे भाई कंडोम का नाम लिया है सेक्स का नहीं जो इतने खुश हो गए. वैसे इसमें हमारा भी दोष नहीं है वो क्या है ना हम सब अपना दिमाग वही रखते है ….
अरे वहीँ जहाँ कंडोम इस्तेमाल किया जाता है. तभी तो सीधी सरल बात को भी उल्टा ही सोचते है.
तो हम बात कर रहे थे कंडोम की… कंडोम ना सिर्फ परिवार नियोजन का सबसे बेहतरीन साधन है अपितु ये बहुत सी बीमारियों से भी बचाव करता है. लेकिन सबसे मुश्किल काम है कंडोम को बेचना.
कंडोम बेचने में दो सबसे बड़ी मुश्किलें है
पहली तो ये कि लोगों को लगता है कि कंडोम के इस्तेमाल से उन्हें वो आनंद नहीं मिलेगा जो मिलना चाहिए.
दूसरा कारण ये कि कंडोम का प्रचार कैसे किया जाए की लोगों में उसके प्रति उत्सुकता बढे और वो कंडोम का इस्तेमाल करे.
पहली समस्या का तो समाधान हकीम लुकमान के पास भी नहीं दूसरी समस्या का समाधान कंडोम कंपनियों ने बहुत ही बुद्धिमानीपूर्ण विज्ञापन बनाकर निकाला है. कुछ विज्ञापन तो ऐसे है कि उन्हें समझना हर किसी के बस की बात नहीं. बस तेज़ दिमाग के लोग ही वो विज्ञापन समझ सकते है.
कंडोम के ये विज्ञापन सिर्फ तेज़ दिमाग वालों के लिए है कार्टून देखने वालों के लिए नहीं
समझे या नहीं …. बड़ा है तो बेहतर