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जो दुश्मन ना करे दोस्त ने ही वो बयान दिया!

कहते है कि दो बॉलीवुड स्टार्स के बीच दोस्ती होना थोड़ा मुश्किल ही है.

भई मामला कॉम्पीटिशन का जो है. लेकिन इन सबके बावजूद बॉलीवुड में आमिर- सलमान जैसे बॉलीवुड स्टार्स की दोस्ती की दुहाई दी जाती थी.

अब खबरों की माने तो इन कि बीच भी दोस्त दोस्त ना रहा वाला मामला हो गया. आमिर खान जो कि हर बुरे वक्त में सलमान के साथ होते थे, ने अपने ही दोस्त के लिए ऐसा बयान दे डाला जो कि दुश्मन भी ना दे.

कहा जाता है कि एक पार्टी के दौरान आमिर खान ने कहा कि बजरंगी भाईजान सबसे पहले उनको ऑफर हुई थी. लेकिन उन्होने इस ऑफर को स्वीकार ना करते हुए प्रोड्यूसर को सलमान खान के पास भेज दिया. साथ ही आमिर ने ये भी कहा कि वो अगर इस तरह की फ़िल्में पहले करते तो अपने करियर में काफी आगे होते है. सुनने में तो ये भी आया कि सलमान ने उन्हें फेक कह दिया और पार्टी से निकल लिए.

जो दुश्मन ना करें वो दोस्त ने बयान दिया है वाला ये मामला पहला नहीं है.

ऐसा पहले भी हो चुका है जब दो दोस्तों के बीच बयानों से कोल्ड वार शुरु हुआ है. जब ऋतिक की फ़िल्म गुजारिश रिलीज हुई थी तब सलमान ने बयान दिया था कि कुत्ता भी नहीं आया फ़िल्म देखने.

प्रिंयका चोपड़ा ने आशुतोष गोवारिकर की फ़िल्म वाट्स योअर राशि में काम किया था.

प्रियंका की फैशन और ऐश्वर्या राय की जोधा अकबर एक ही साल रिलीज हुई थी. जोधा अकबर को आशुतोष गोवारिकर ने डायरेक्ट किया था. ज्यादातर अवार्ड्स पिग्गी चॉप्स की झोली में आए.

आशुतोष की नजर में ये अवार्ड्स ऐश्वर्या को मिलना चाहिए था. इसलिए उन्होंने अपनी ही फ़िल्म वाट्स योर राशि की हीरोइन के लिए आईफा अवार्ड्स में सरेआम ये बयान दे डाला “प्रियंका मैं तुम्हे प्यार करता हूं, लेकिन मैं नहीं जानता कि तुमने बेस्ट एक्ट्रेस का अवार्ड कैसे पा लिया जबकि ऐश्वर्या को भी समान कैटगरी में जोधा अकबर के लिए नॉमिनेट किया गया था”

करिश्मा का करियर जब बुरे दौर से गुजर रहा था तब डेविड धवन की हीरो नंबर वन जैसी फ़िल्मों ने उनको सहारा दिया था इस जोड़ी ने कई हिट फ़िल्में दी थी. जब करीना से डेविड के साथ काम करने के बारे में पूछा गया तो उन्होने कहा था.

“मेरी बहन ने उनके साथ अपना करियर बनाया है, लेकिन मैं नहीं बनाना चाहती. मुझमे कुछ हटकर करने की हिम्मत है. कम से कम अगले चार साल, मैं खुद को डेविड धवन के साथ काम करते हुए नहीं देखना चाहती हूं. मैं उस तरह की फ़िल्में नहीं करना चाहती हूं. मैं सिर्फ अच्छे फ़िल्ममेकर्स के साथ काम करना चाहती हूं.

बॉक्स ऑफिस पर सफलता दोस्ती के समीकरणों पर भी प्रभाव डालती है.

चढ़ते सूरज को सभी सलाम करते हैं ऐसा सभी कहते है, आसमान में तारे तो कई होते है लेकिन सूरज एक ही होता है.

सूरज बनने की होड़ दोस्त को भी दुश्मन बना देती है. ठीक यही बात बॉलीवुड पर लागू होती दिख रही है जिसमें कहा जा सकता है कि जो दुश्मन ना दे दोस्त ने ही वो बयान दिया है.

Shilpa Rounghe

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