भारत को आजाद हुए कई दशक हो गए, लेकिन क्या आप जानते हैं कि वह आज भी गुलामी की जंजीरों में जकड़ा हुआ है.
इस वर्ष आजादी की 69 वीं वर्षगांठ पर हम आपको बताने जा रहे हैं, झूठी आजादी की ऐसी ही कुछ महत्वपूर्ण बातें, जिसे पढ़कर आपके भी रोंगटे खड़े हो जाएंगे-
झूठी आजादी की बातें –
1 – भ्रष्टाचार
वैसे तो भ्रष्टाचार की गिरफ्त में पूरी दुनिया ही है, लेकिन भारत में आजादी के बाद से इतना भ्रष्टाचार बढ़ा है कि देश अंदर ही अंदर खोखला होता जा रहा है. एक रिपोर्ट के अनुसार भारत भ्रष्टाचार के मामले में विश्व में 84वें नंबर पर है.
2 – जातिवाद
जिस जातिवाद को खत्म करने में हमारे पूर्वजों ने अपनी जानें तक न्यौछावर कर दी, अभी भी वह समस्या मुंह बाए खड़ी हई है. लोग आपस में जातिवाद को मुद्दा बनाकर हिंसा, दंगा फसाद और उपद्रव फैला रहे हैं.
3 – राजनीति में परिवारवाद
राजनीति में परिवारवाद को बढ़ावा मिलने से एक विशेष समूह का जैसे देश पर कब्जा सा हो गया है. हर कोई देश के बजाय अपने हित साधने में जुटा हुआ है. आज लोगों की समस्याएं सुनना केवल बोट बैंक का हिस्सा बन चुकी हैं. रोहित वेमुला मामला भी उसी का एक हिस्सा है.
4 – साम्प्रदायिक दंगे
हिंदू—मुस्लमान के नाम पर साम्प्रादायिक दंगों को बढ़ावा दिया जा रहा है. फिर चाहे वह दादरी हिंसा हो, मालदा मुद्दा या फिर त्रिलोकपुरी दंगा हो.
5 – बेटियों की हत्या
भारत में कम होती बेटियों की संख्या ने उसे और दुविधा में डाल रखा है. कई राज्यों में आज भी बेटियों को गर्भ में ही खत्म कर दिया जा रहा है, जिससे लड़कों की तुलना में लड़कियों की संख्या तेजी से घटती जा रही है. हरियाणा इस मामले में सबसे उपर है.
6 – असहिष्णुता
दुनिया में भारत जैसा शायद ही कोई सहिष्णु देश होगा,लेकिन आज असहनशीलता लोगों पर इतनी हावी हो गई है कि वह एक—दूसरे को मारने और मरने पर उतारू हो गए हैं.
7 – गौरक्षा के नाम पर पीटना
गौरक्षा के नाम पर बेकसूरों को मारना. भले से गाय अपनी मौत मरी हो या फिर उसे किसी जानवर ने मारा हो, लेकिन गौ हित के लिए जबरन दूसरों को पीटना तो जैसे आज कल का फैशन ही बन गया है.
8 – बलात्कार
आजादी के बाद से बलात्कार की घटनाएं सबसे ज्यादा देखने को मिली हैं, जिस पर कई सरकारें आई और गई, लेकिन कोई लगाम नहीं पाई हैं. बलात्कार के मामले में इंटरनेशनल मीडिया में भी भारत अपनी किरकिरी करा चुका है, जैसे 16 दिसंबर और उबेर कैब मामला.
9 – बेरोजगारी
आज पढ़े—लिखे युवा रोजगार के लिए दर—दर की ठोकरें खाने को मजबूर हैं. एक समाचार पत्र के अनुसार हाल ही में एमबीए, पोस्ट ग्रेजुएट, और ग्रेजुएट लोगों ने नौकरी पाने के लिए चपरासी तक की पोस्ट के लिए आवेदन दिए थे, जो हमारे देश के लिए बेहद शर्म की बात है.
10 – गरीबी
इतने वर्षों के बाद भी भारत गरीबी का दंश झेलने को मजबूर है. यहां अमीर और अमीर होता जा रहा है एवं गरीब और गरीब होता है. इससे देश चाह कर भी विकास की ओर नहीं बढ़ पा रहा है.
ये थी झूठी आजादी – इन बातों को पढ़ने के बात शायद ही आपको लगेगा कि आज हम आजाद भारत में रह रहे हैं. असल में जो आजादी हमें मिली है वह झूठी आजादी है और इस आजादी में आग लगाने का हर पीड़ित व्यक्ति का दिल जरुर करता होगा.
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