आजादी की लड़ाई में जो लोग अपना तन-मन-धन लगाकर शहीद हुए थे, असल में आजादी के बाद उनको सही सम्मान नहीं मिल पाया है.
अंग्रेज इन भारतीय क्रांतिकारी को आतंकवादी मानते थे और तभी शुरूआती सरकार में इतनी हिम्मत नहीं थी कि वह इनको सम्मान दे पाती.
आज हम आपके सामने ऐसे ही 10 भारतीय क्रांतिकारी लोग ला रहे हैं जिन्हें भारत रत्न मिलना चाहिए-
1. इन शहीदों में सबसे पहला नाम भगत सिंह का ही आता है. देश की आन-बान-शान के मर मिटने वाला यह सपूत लोगों को याद जरूर है लेकिन क्या एक सच्चे शहीद जैसा सम्मान इसको मिल पाया है?
2. चंद्रशेखर आजाद ना होते तो वाकई अंग्रेज की आँखों में भारतीय क्रांतिकारियों का उतना खौफ ना होता. असल में चंद्रशेखर आजाद की वजह से ही क्रांतिकारी एकजुट हो पाए थे.
3. लाला लाजपत राय असल में अंग्रेजों के सामने सबसे ज्यादा बड़ा खतरा थे. एक तो वह अंग्रेजों की सुनते नहीं थे और हर हालत में आजादी चाहते थे. यही कारण था कि लाला जी अंग्रेजों के निशाने पर थे. लेकिन आज तक इस सच्चे देशभक्त को उनका सही सम्मान नहीं मिला है.
4. बाल गंगाधर तिलक ने कहा था कि स्वतंत्रता मेरा जन्म सिद्ध अधिकार है और मैं इसे लेकर रहूँगा. इनको हिन्दू राष्ट्रवाद का पिता भी बोला जाता है लेकिन इनके कई साथियों को सही सम्मान मिल चुका है और आजादी के बाद इनको भूला दिया गया.
5. अशफ़ाक़ुल्लाह ख़ाँ को तो वाकई भारतीय इतिहास ने सही जगह नहीं दी है. लेकिन इनको भूलना नामुमकिन है. काकोरी रेल कांड में इनका नाम उछला था. अंग्रेजों ने इनको फ़ासी की सजा दी थी.
6. राम प्रसाद बिस्मिल की जीवनी अगर आप पढ़ते हैं तो आप खुद बोल उठेंगे कि इस वीर स्वतंत्रता सैनानी को भारत रत्न मिलना चाहिए. लेकिन इस योद्धा को भी उसका हक़ नहीं मिला पाया है.
7. उस समय में अंग्रेजों से लोहा लेने की बात मर्द भी नहीं सोच पा रहे थे जब इस महिला रानी लक्ष्मीबाई ने अंग्रेजों की नींद उड़ा दी थी.
8. सरदार उधम सिंह जी के लिए धारणा है कि इस वीर ने जालियाँवाला बाग हत्याकांड के उत्तरदायी जनरल डायर को लन्दन में जाकर गोली मारी और निर्दोष लोगों की हत्या का बदला लिया.
9. वीर सावरकर को एक खास विचारधारा का बोलकर, उनका अपमान आजतक किया गया है.लेकिन इस वीर क्रांतिकारी का एक ही ख़्वाब था और वो था आजादी.
10. असल में सुभाषचंद्र बोस को तो सबसे पहले भारत रत्न मिलना चाहिए और आजाद हिन्द फ़ौज से डरकर ही अंग्रेज भारत को आजाद करने पर मजबूर हुए थे.
तो ये थे भारतीय क्रांतिकारी – इस वीर स्वतंत्रता क्रांतिकारियों को अंग्रेज कुछ भी समझते थे लेकिन यह वीर लोग भारत माता के सच्चे सपूत थे. आज इनको भारत रत्न मिलना ही चाहिए.
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