किसी लेखक की आजीवन पूंजी है उसके द्वारा लिखित पुस्तक, जिसमें लेखक कहानी, कविता, रिपोर्ट, संस्मरण, फीचर या लेखन की अन्य विधा से अपने काल्पनिक व वास्तविक अनुभवों को अभिव्यक्त करता है।
किसी भी भावी लेखक के लिए यह संभव कर पाना तब संभव है जब उसके वैचारिकता का क्षेत्रफल परिपक्व होता है। देखा जाए, प्रसिद्ध लेखकों ने 16 वर्ष की आयु से लेकर 35 वर्ष के अंतराल में अपनी रचनाएं प्रकाशित करवायी थीं।
हालांकि बदलते दौर में अब 10 वर्षीय बालक व बालिकाएं भी किताब को प्रकाशित करवा रहे हैं। यह ख़बर किसी प्रबुद्ध लेखक के लिए चौंका देने वाली ही है। क्योंकि बाल्यावस्था में मस्तिष्क की वैचारिकता व्यापक नहीं रहती है। मगर इस पोस्टमोर्डन टाइम में शायद हर बात संभव है। जैसे कि ‘हनीकॉम्ब’ किताब के लेखक अयान गोगोई गोहैन ने 4 वर्ष की आयु में यह किताब प्रकाशित करवा कर हर किसी को चौंका दिया है।
कौन है हनीकॉम्ब का लेखक ?
असल में हनीकॉम्ब का लेखक 4 वर्ष का बालक अयान गोगोई गोहैन है। जो असम के लखीमपुर जिले का निवासी है। अयान द्वारा लिखित यह पुस्तक गत जनवरी माह में प्रकाशित हुयी। अयान ने हनीकॉम्ब में 30 लघु कहानियां सृजित की हैं। और किताब का मूल्य 250 रुपये है। अयान ने अपने सृजन के बारे में कहा कि वह अपने आस-पास जो क्रिया देखते हैं उसे बाद में शब्दों का रूप देते हैं।
हनीकॉम्ब लेखक ने किताब के अलावा किया यह सृजन कार्य
यह 4 वर्षीय बालक सिर्फ लेखन में ही प्रवीण नहीं है अपितु यह मात्र 1 वर्ष की आयु से चित्रकारी व 3 वर्ष से कविताएं व कहानी लिख रहा है। यह किताब की प्रस्तावना में अंकित है। आपको जानकर हैरानी होगी कि किताब का मुख्यपृष्ठ अयान ने ही डिजाइन किया है।
4 वर्षीय बालक ने किताब से बनाया रिकॉर्ड
हनीकॉम्ब किताब के साथ अयान ने भारत का सबसे कम उम्र का लेखक होने का खिताब जीता है। साथ ही देश में असाधारण प्रतिभा को दिए जाने वाला इण्डिया बुक ऑफ रिकॉर्ड से भी अयान को पुरस्कृत किया गया है। अयान का किताब के बारे में बड़े लेखकों ने समीक्षा भी लिखी है। जिसे आप किताब के अंत में पढ़ सकते हैं।
हनीकॉम्ब के लेखक को इन से मिली प्रेरणा
अयान बताते हैं कि उनके दादा ही उनके अच्छे दोस्त हैं। एक दोस्त होने के नाते वह हर दिन कुछ नया लिखने व चित्र बनाने के लिए मुझे प्रेरित करते हैं। वह मुझे कहानी सुनाने वाले मेरे सबसे अच्छे दोस्ते हैं।
मन को तरोताज़ा रखने में अयान करते हैं यह सब
लेखन व चित्रकारी के अलावा मन को तरोताज़ा रखने में अयान योग करना, कार्टून देखना, बैडमिंटन और फुटबॉल देखना पसंद करते हैं। इसके अलावा वह बागबानी का शौक भी रखते हैं।
बालक अयान गोगोई गौहन का किताब ने जहां हर किसी को चौंका दिया है वहीं अयान की दिनभर की दिनचर्या व उनके 4 वर्ष में ये सभी सृजन कार्य देखकर ऐसा ही लग रहा है, कि अयान भावी समय में सफल लेखक हो सकते हैं ।
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