खिलाड़ी अपना नाम बनाने के लिए पूरी जिंदगी कड़ी मेहनत करता है।
मगर जब उनका नाम ही बिगाड़ दिया जाए तो…
जी हां, जो क्रिकेटर कड़ी मेहनत करके अपना नाम मशहूर करने की कोशिश में जुटा रहता है, उसके नाम की धज्जियां उड़ते कई बार टेलीविजन पर देखा गया है। विशेषतौर पर भारतीय खिलाडि़यों के बारे में बात की जाए तो विदेशी कमेंटेटरों ने उनके नामों को बहुत हास्यास्पद बनाया है। ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड और इंग्लैंड के कमेंटेटरों के लिए भारतीय खिलाडि़यों के नाम ‘टंग ट्विस्टर’ जैसे लगते हैं।
जहां एशियाई कमेंटेटर भारतीय खिलाडि़यों के नाम आसानी से सही अंदाज में पुकारते है, वहीं विदेशी कमेंटेटर भारतीय खिलाडि़यों के नामों की धज्जियां उड़ा देते हैं। टोनी ग्रेग, रिची बेनॉ, मार्क निकोलस, ज्योफ्री बॉयकॉट, मार्क टेलर, माइकल होल्डिंग, साइमन डुल, डीन जोन्स, डैनी मॉरिसन ने क्रिकेट जगत में अपनी आवाज से काफी नाम कमाया, लेकिन इनके लिए भारतीय खिलाडि़यों का नाम पुकारना सबसे कठिन कार्यों में से एक रहा।
हैरानी इस बात से होती है कि इंटरनेट के बढ़ते चलन के बावजूद भी विदेशी कमेंटेटर भारतीय खिलाडि़यों का नाम सही तरीके से नहीं पुकारते हैं।
यह मजेदार बात भला हम आपको बताने से कैसे चूकते?
आईए जानते हैं कि किन भारतीय क्रिकेटरों के नामों की फिरंगियों ने उड़ाई धज्जियां …
महेंद्र सिंह धोनी-
विश्व के सफलतम कप्तानों में से एक धोनी ने क्रिकेट में अपनी अलग पहचान बनाई है। उन्होंने न सिर्फ कप्तानी में बेहतरीन रिकॉर्ड बनाए हैं बल्कि वह वन-डे क्रिकेट के बेहतरीन फिनिशर भी माने जाते है। विदेशी कमेंटेटरों ने 90 टेस्ट में 4876 रन बनाने वाले तथा 265 वन-डे में 8620 रन बना चुके धोनी के नाम का बहुत मजाक बना दिया है। अधिकतर समय टोनी ग्रेग, रिची बेनॉ, ब्रेड हॉग, डैनी मॉरिसन के मुंह से आवाज सुनने को मिली- मां हिंदर सिंह डोनी।
शिखर धवन-
अपनी गब्बर वाली छवि से विरोधी टीम के लिए सिरदर्द बने धवन क्रिकेट के हर प्रारूप में भारतीय टीम के नियमित ओपनर बन चुके हैं। 15 टेस्ट में 1158 रन बना चुके तथा 64 वन-डे में 2665 रन जुटाने वाले धवन के नाम की गुंज कमेंट्री रूम से इस प्रकार आती है- सी कार द वैन।
विराट कोहली-
भारतीय टीम की बल्लेबाजी की जान तथा टेस्ट कप्तान कोहली वर्तमान में विश्व के सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाजों में गिने जाते हैं। कई रिकॉर्ड अपने नाम कर चुके विराट के लिए डीन जोन्स ने कमेंट्री करते हुए कहा- वी राट कोल हे।
अक्षर पटेल-
बाएं हाथ का यह स्पिनर टीम इंडिया में अपनी जगह पक्की करने के लिए मेहनत में जुटा है। जिम्बाब्वे दौरे पर एम बांग्वा ने अक्षर का नाम एक कंपनी के जैसे पुकारा। उन्होंने कहा- एक्स आर पटेल।
ईशांत शर्मा-
टीम इंडिया के लंबू ईशांत 2008 में जब अपनी गेंदों से ऑस्ट्रेलिया के कप्तान रिकी पोंटिंग को खूब परेशान कर रहे थे, तब कमेंट्री बॉक्स में मौजूद मार्क निकोलास ने तेज गेंदबाज का नाम पुकारकर सभी को हंसने पर मजबूर कर दिया। मार्क ने कहा- ईश आंट (जिसका हिंदी अनुवाद चींटी है) शेर्मा।
उमेश यादव-
2015 विश्व कप में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले शीर्ष गेंदबाजों में शामिल उमेश यादव का नाम लेना कमेंटेटरों के लिए आसान नहीं था। विश्व कप में 18 विकेट लेकर विदेशी जमीन पर अपनी ख्याति बनाने वाले उमेश का नाम ऑस्ट्रेलियाई और इंग्लैंड कमेंटेटरों ने पुकारा – उम आश याडेव।
सुरेश रैना-
टीम इंडिया के नियमित सदस्य और आईपीएल में चेन्नई सुपर किंग्स की जान रैना का नाम बेस्ट हिटर के रूप में मशहूर हुआ। मगर उनके साथ भी विदेशी कमेंटेटरों का रवैया नहीं बदला। वन-डे क्रिकेट में 5,500 रन पूरे कर चुके रैना को डेविड लॉयड, ज्योफ्री बॉयकॉट, माइकल होल्डिंग और साइमन डुल जैसे दिग्गज कमेंटेटरों ने नाम दिया- सुर ओश रे ना।
रोहित शर्मा-
क्रिकेट के इतिहास में इस बल्लेबाज के बराबर प्रतिभा हासिल करने वाला शायद ही कोई अन्य बल्लेबाज होगा। वन-डे क्रिकेट के इतिहास में दो दोहरे शतक जमाने वाला एकमात्र बल्लेबाज विदेशी उच्चारण का शिकार होने से नहीं बचा। प्रसिद्ध कमेंटेटर डैनी मॉरिसन ने रोहित का नाम लिया- रॉ हिट शेर्मा।
सौरव गांगुली-
पूर्व कप्तान सौरव गांगुली को ऑफ साइड का भगवान माना जाता है। वन-डे क्रिकेट में 10,000 रन का आंकड़ा पार करने वाले गांगुली का नाम नेटवेस्ट से लेकर हर बड़ी सीरीज में बदल-बदलकर लिया गया। विदेशी कमेंटेटरों के अनुसार कभी उन्हें सौरेव गेंगुली बनना पड़ा तो कभी शौरभ गानगुली.. बनकर खेलना पड़ा।
सचिन तेंडुलकर-
क्रिकेट के भगवान माने जाने वाले बल्लेबाज, जिसके नाम लगभग सभी रिकॉर्ड दर्ज हैं। वह भी विदेशी कमेंटेटरों की आवाज के आगे सिर्फ हंसता रहा। 1998 में सचिन तेंडुलकर की शारजाह की पारी तो सभी को याद है। उसमें महान कमेंटेटर टोनी ग्रेग की आवाज ने चार चांद लगा दिए थे। मजेदार बात यह है कि टोनी ज्यादातर सचिन का नाम नहीं लेने की कोशिश करते थे क्योंकि वह हमेश सचिन को सा चिन कह देते थे। हुआ तो यह भी है कि कुछ कमेंटेटर जो हिंदी को बिलकुल नहीं समझते वह कहते थे- स छिन तेंडुल कार।
हमने आपको इस बारे में इसलिए बताया क्योंकि मौजूदा समय में श्रीलंका के खिलाफ तीन टेस्ट मैचों की सीरीज खेल रही टीम इंडिया के कई खिलाडि़यों का नाम विदेशी कमेंटेटरों ने हास्यास्पद बना दिया। ब्रेड हॉग ने इस दौरान शिखर धवन का नाम पुकारा और बस…
खिलाड़ी अपना नाम बनाने के लिए पूरी जिंदगी कड़ी मेहनत करता है।
मगर जब उनका नाम ही बिगाड़ दिया जाए तो…
जी हां, जो क्रिकेटर कड़ी मेहनत करके अपना नाम मशहूर करने की कोशिश में जुटा रहता है, उसके नाम की धज्जियां उड़ते कई बार टेलीविजन पर देखा गया है। विशेषतौर पर भारतीय खिलाडि़यों के बारे में बात की जाए तो विदेशी कमेंटेटरों ने उनके नामों को बहुत हास्यास्पद बनाया है। ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड और इंग्लैंड के कमेंटेटरों के लिए भारतीय खिलाडि़यों के नाम ‘टंग ट्विस्टर’ जैसे लगते हैं।
जहां एशियाई कमेंटेटर भारतीय खिलाडि़यों के नाम आसानी से सही अंदाज में पुकारते है, वहीं विदेशी कमेंटेटर भारतीय खिलाडि़यों के नामों की धज्जियां उड़ा देते हैं। टोनी ग्रेग, रिची बेनॉ, मार्क निकोलस, ज्योफ्री बॉयकॉट, मार्क टेलर, माइकल होल्डिंग, साइमन डुल, डीन जोन्स, डैनी मॉरिसन ने क्रिकेट जगत में अपनी आवाज से काफी नाम कमाया, लेकिन इनके लिए भारतीय खिलाडि़यों का नाम पुकारना सबसे कठिन कार्यों में से एक रहा।
हैरानी इस बात से होती है कि इंटरनेट के बढ़ते चलन के बावजूद भी विदेशी कमेंटेटर भारतीय खिलाडि़यों का नाम सही तरीके से नहीं पुकारते हैं।
यह मजेदार बात भला हम आपको बताने से कैसे चूकते?
आईए जानते हैं कि किन भारतीय क्रिकेटरों के नामों की फिरंगियों ने उड़ाई धज्जियां …
महेंद्र सिंह धोनी-
विश्व के सफलतम कप्तानों में से एक धोनी ने क्रिकेट में अपनी अलग पहचान बनाई है। उन्होंने न सिर्फ कप्तानी में बेहतरीन रिकॉर्ड बनाए हैं बल्कि वह वन-डे क्रिकेट के बेहतरीन फिनिशर भी माने जाते है। विदेशी कमेंटेटरों ने 90 टेस्ट में 4876 रन बनाने वाले तथा 265 वन-डे में 8620 रन बना चुके धोनी के नाम का बहुत मजाक बना दिया है। अधिकतर समय टोनी ग्रेग, रिची बेनॉ, ब्रेड हॉग, डैनी मॉरिसन के मुंह से आवाज सुनने को मिली- मां हिंदर सिंह डोनी।
शिखर धवन-
अपनी गब्बर वाली छवि से विरोधी टीम के लिए सिरदर्द बने धवन क्रिकेट के हर प्रारूप में भारतीय टीम के नियमित ओपनर बन चुके हैं। 15 टेस्ट में 1158 रन बना चुके तथा 64 वन-डे में 2665 रन जुटाने वाले धवन के नाम की गुंज कमेंट्री रूम से इस प्रकार आती है- सी कार द वैन।
विराट कोहली-
भारतीय टीम की बल्लेबाजी की जान तथा टेस्ट कप्तान कोहली वर्तमान में विश्व के सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाजों में गिने जाते हैं। कई रिकॉर्ड अपने नाम कर चुके विराट के लिए डीन जोन्स ने कमेंट्री करते हुए कहा- वी राट कोल हे।
अक्षर पटेल-
बाएं हाथ का यह स्पिनर टीम इंडिया में अपनी जगह पक्की करने के लिए मेहनत में जुटा है। जिम्बाब्वे दौरे पर एम बांग्वा ने अक्षर का नाम एक कंपनी के जैसे पुकारा। उन्होंने कहा- एक्स आर पटेल।
ईशांत शर्मा-
टीम इंडिया के लंबू ईशांत 2008 में जब अपनी गेंदों से ऑस्ट्रेलिया के कप्तान रिकी पोंटिंग को खूब परेशान कर रहे थे, तब कमेंट्री बॉक्स में मौजूद मार्क निकोलास ने तेज गेंदबाज का नाम पुकारकर सभी को हंसने पर मजबूर कर दिया। मार्क ने कहा- ईश आंट (जिसका हिंदी अनुवाद चींटी है) शेर्मा।
उमेश यादव-
2015 विश्व कप में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले शीर्ष गेंदबाजों में शामिल उमेश यादव का नाम लेना कमेंटेटरों के लिए आसान नहीं था। विश्व कप में 18 विकेट लेकर विदेशी जमीन पर अपनी ख्याति बनाने वाले उमेश का नाम ऑस्ट्रेलियाई और इंग्लैंड कमेंटेटरों ने पुकारा – उम आश याडेव।
सुरेश रैना-
टीम इंडिया के नियमित सदस्य और आईपीएल में चेन्नई सुपर किंग्स की जान रैना का नाम बेस्ट हिटर के रूप में मशहूर हुआ। मगर उनके साथ भी विदेशी कमेंटेटरों का रवैया नहीं बदला। वन-डे क्रिकेट में 5,500 रन पूरे कर चुके रैना को डेविड लॉयड, ज्योफ्री बॉयकॉट, माइकल होल्डिंग और साइमन डुल जैसे दिग्गज कमेंटेटरों ने नाम दिया- सुर ओश रे ना।
रोहित शर्मा-
क्रिकेट के इतिहास में इस बल्लेबाज के बराबर प्रतिभा हासिल करने वाला शायद ही कोई अन्य बल्लेबाज होगा। वन-डे क्रिकेट के इतिहास में दो दोहरे शतक जमाने वाला एकमात्र बल्लेबाज विदेशी उच्चारण का शिकार होने से नहीं बचा। प्रसिद्ध कमेंटेटर डैनी मॉरिसन ने रोहित का नाम लिया- रॉ हिट शेर्मा।
सौरव गांगुली-
पूर्व कप्तान सौरव गांगुली को ऑफ साइड का भगवान माना जाता है। वन-डे क्रिकेट में 10,000 रन का आंकड़ा पार करने वाले गांगुली का नाम नेटवेस्ट से लेकर हर बड़ी सीरीज में बदल-बदलकर लिया गया। विदेशी कमेंटेटरों के अनुसार कभी उन्हें सौरेव गेंगुली बनना पड़ा तो कभी शौरभ गानगुली.. बनकर खेलना पड़ा।
सचिन तेंडुलकर-
क्रिकेट के भगवान माने जाने वाले बल्लेबाज, जिसके नाम लगभग सभी रिकॉर्ड दर्ज हैं। वह भी विदेशी कमेंटेटरों की आवाज के आगे सिर्फ हंसता रहा। 1998 में सचिन तेंडुलकर की शारजाह की पारी तो सभी को याद है। उसमें महान कमेंटेटर टोनी ग्रेग की आवाज ने चार चांद लगा दिए थे। मजेदार बात यह है कि टोनी ज्यादातर सचिन का नाम नहीं लेने की कोशिश करते थे क्योंकि वह हमेश सचिन को सा चिन कह देते थे। हुआ तो यह भी है कि कुछ कमेंटेटर जो हिंदी को बिलकुल नहीं समझते वह कहते थे- स छिन तेंडुल कार।
हमने आपको इस बारे में इसलिए बताया क्योंकि मौजूदा समय में श्रीलंका के खिलाफ तीन टेस्ट मैचों की सीरीज खेल रही टीम इंडिया के कई खिलाडि़यों का नाम विदेशी कमेंटेटरों ने हास्यास्पद बना दिया। ब्रेड हॉग ने इस दौरान शिखर धवन का नाम पुकारा और बस…