मुंबई में नौकरी – सभी जानते हैं कि भारत में बेरोज़गारी बहुत है और इसी वजह से भारतीय लोग विदेशों में नौकरियां करने जाते हैं। बेहतर जीवन स्तर और मोटी सैलरी के चक्कर में भारतीय अपना देश छोड़कर विदेशों में जाकर बस जाते हैं।
आपको जानकर हैरानी होगी कि विदेशों से भारत के एक शहर में लोग लाखों कमाने की इच्छा लेकर आते हैं। जी हां, ये सच है कि भारत में भी एक ऐसा शहर है जो विदेशियों तक को नौकरी करने और अपना करियर बनाने के लिए आकर्षित करता है।
तो चलिए जानते हैं भारत के इस पॉपुलर शहर के बारे में जो विदेशियों तक को बहुत पसंद है।
भारत के इस शहर का ना मुंबई है जिस लोग ड्रीम सिटी भी कहते हैं क्योंकि यहां पर लोग अपने सपने पूरे करने के लिए आते हैं।
मुंबई में नौकरी –
हाल ही में एचएसबीस बैंक इंटरनेशनल ने एक सर्व करवाया था जिसमें यह बात सामने आई है कि मुंबई में काम करने वाले विदेशियों की सालाना कमाई 2.17 लाख डॉलर है। ये आंकड़ा ग्लोबल एक्सपैट एवरेज का दोगुना है। एक्सपैक्ट सैलरी के मामले में स्विट्जरलैंड पहले नंबर पर है।
इस सर्वे के मुताबिक एशिया में काम करने वाले विदेशियों को फाइनेंशियल सपोर्ट मिलता है और इस लिस्ट में मुंबई का नाम भी शामिल है। हालांकि रिपोर्ट की मानें तो लंदन, सैन फ्रांसिस्को, न्यूयॉर्क की तुलना में मुंबई में रोज़गार के अवसर कम हैं।
हम सभी जानते हैं कि मुंबई एक ऐसा शहर है जहां हर किसी के सपने पूरे होते हैं, हर किसीको मुंबई में नौकरी मिल जाती है, भले ही उसमें थोड़ी मेहनत और समय ज्यादा लग जाए। इसी वजह से मुंबई शहर में लोगों की आबादी भी बढ़ती जा रही है और परेशानियां भी। आज को आप अगर मुंबई शहर घूमने जाते हैं तो आपको बाकी शहरों की तुलना में होटल में रूकने के लिए डबल किराया चुकाना पड़ेगा। वहीं एक न्यूज़ टीवी चैनल की मानें तो जो प्रॉपर्टी दुबई जैसे टॉप शहर में 3 से 5 करोड़ की कीमत की है वो ही प्रॉपर्टी मुंबई में 5 से 9 करोड़ के बीच है। आप समझ ही गए होंगें कि सपनों की इस नगरी में रहने की कितनी भारी कीमत चुकानी पड़ती है।
वहीं अगर जॉब की बात करें तो वो तो लोगों को मुंबई में नौकरी मिल ही जाती है लेकिन अगर आप भारत में बेरोज़गारी की बात करें तो इसका कारण नौकरियों का कम होना नहीं बल्कि सही और शिक्षित उम्मीदवारों की कमी है। कुछ समय पहले हुए एक सर्वे में कंपनियों ने इस बात का खुलासा किया था कि उनके पास जो लोग भी इंटरव्यू देने आते हैं उनमें जरूरी स्किल्स और उस पद के लिए जरूरी प्रतिभा की कमी होती है और इसी वजह से आज कंपनियों के ऊंचे पद खाली पड़े हैं।
मुंबई में नौकरी – शायद इसी वजह से देश के प्रधानमंत्री स्किल इंडिया पर जोर दे रहे हैं। आजकल प्राइवेट और सरकारी स्कूल या इंस्टीट्यूट पैसा ऐंठने के चक्कर में छात्रों को कोर्स तो करवा देते हैं लेकिन उन्हें जरूरी स्किल्स नहीं सिखाते जिसकी वजह से उन्हें आगे चलकर नौकरी पाने में दिक्कत होती है और वो बेरोज़गार युवा की गिनती में आ जाते हैं।
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