अच्छा तो इसलिए भारतीय मर्दों को पसंद है माँ के हाथ का खाना
माँ के हाथ का खाना – आपने मर्दों को अक्सर ये राग अलापते देखा होगा कि उनकी मां के हाथों के जैसा अच्छा खाना कोई नहीं बना सकता।
लेकिन क्या आप जानते हैं कि इसके पीछे क्या कारण है कि पत्नी के कितना ही अच्छा खाना बना लेने के बाद भी मर्दो को अपनी माँ के हाथ का खाना इतना पसंद आता है।
दरअसल हाल ही में आॅस्ट्रेलिया की एक शोध कंपनी ने इस पर रिसर्च किया और उस रिसर्च में उन्होंने पाया कि आजकल की लाइफस्टाइल में जहां पति—पत्नी दोनों काम करते हैं और घर का खाना हो या फिर बाकी कामकाज दोनों मिलकर करते हैं। बांटकर काम करने से जहां पत्नियों का काम तो आसान हो जाता है, लेकिन मर्दों को यह सब बिल्कुल भी पसंद नहीं आता और वह अपनी मां के साथ बिताए दिनों को याद करते हैं। क्योंकि मां के साथ् उन्हें बिल्कुल भी काम नहीं करना पड़ता।
यही नहीं उनका जो भी मन होता है वह अपनी मां से वह बनवाते हैं और मां भी खुशी—खुशी बना देती है।
लेकिन शादी के बाद यह सब मुमकिन नहीं होता और यही कारण होता है कि उन्हें मां के खाने की याद सताती है।
इस रिसर्च के अनुसार यह भी पता चला कि मर्द अपनी पत्नी की तुलना अक्सर अपनी मां से करते हैं, क्योंकि उन्हें लगता है कि पत्नी उन्हें उस तरह से तवज्जो नहीं दे रहीं जिस तरह से मां देती है। यही नहीं मां न तो बात—बात पर बहस करती है और न ही मां के साथ जिम्मेदारी होती है।
इस रिसर्च में कुछ पुरुषों ने माना है कि उन्हें अपनी माँ के हाथ का खाना इसलिए याद आता है, क्योंकि काम में व्यस्त होने के कारण उनकी पत्नियां खाना नहीं बना पाती और आधे समय या तो वह खुद खाना बनाते हैं या फिर बाहर से खाना मंगवाते हैं। लेकिन मां के साथ उन्हें ऐसा नहीं करना पड़ता था ,क्योंकि दिन भर काम करने के बाद भी मां पूरे मन से खाना बनाती थी।
तो इससे तो यही लगता है कि यदि पत्नियां भी पतियों के लिए उनकी मनपसंद डिश बनाएं तो हो सकता है कि उन्हें मां के हाथ के बदले पत्नी के हाथ का खाना भी पसंद आ जाए।